लोगोें को होनी चाहिए अधिकारों की जानकारी, तभी न्याय के लिये लड़ सकते हैं-जस्टिस देवेन्द्र कुमार
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ढालपुर मैदान में किया विधिक सहायता प्राधिकरण प्रदर्शनी का शुभारंभ
कुल्लू 28 अप्रैल। जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार ने कहा कि समाज में सभी लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए और अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए, तभी वे किसी भी प्रकार के अन्याय से अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं। वह आज पीपल जातर मेले के उपलक्ष्य में ढालपुर मैदान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रदर्शनी का विधिवत शुभारंभ करने के उपरांत बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सहायता प्राधिकरण सभी महिलाओं तथा उन लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान कर रहा है, जो धनाभाव में कभी-कभार न्याय प्राप्त करने से वंचित रह जाते थे। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण का उद्देश्य समाज के पात्र व्यक्ति को न्याय प्राप्त करने के लिये निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करना है।
देवेन्द्र कुमार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसकी सालाना आय तीन लाख रुपये से कम हो मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार रखता है। इसके अलावा सभी महिलाएं, अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को भी मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इसके लिये एक सादे कागज पर आवेदन जिला अथवा उपमण्डलीय न्यायालय में करना होता है। सरकार पात्र व्यक्ति का मुकद्दमा लड़ने के लिये वकील की व्यवस्था निःशुल्क करती है।
सत्र न्यायाधीश ने कहा कि प्रदर्शनी में विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लोगों को उपलब्ध करवाई जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता से संबंधित बुकलेट व पेम्फलेट उपलब्ध करवाए गए है जिन्हें लोगों में वितरित किया जा रहा है। तीन दिनों तक चलने वाले पीपल जातर मेले में बड़ी संख्या में आ रहे लोगों को मुफत कानूनी सहायता के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिये कर्मचारियों को प्रदर्शनी में तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला तथा उपमण्डल स्तरीय विविका सेवा प्राधिकरण पंचायत स्तर पर लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता की जानकारी प्रदान करने के लिये शिविरों का आयोजन कर रहा है। शिविर में न्यायिक अधिकारियों के साथ अलग-अलग फील्ड में महारत हासिल अधिवक्ताओं के माध्यम से भी जानकारी लोगों को दी जाती है। उन्होंने कहा कि कानून के समक्ष सभी नागरिक समान है और समाज का कोई एक व्यक्ति भी न्याय से वंचित नहीं रहना चाहिए। इसके लिये समाज में व्यापक जागरूकता जरूरी है।