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एक दिवसीय शीतोषण फलों की नर्सरी प्रबंधन तथा शीतोषण फलों की खेती की उन्नत तकनीकी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

शिमला, मार्च – भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र अमरतारा काटेज शिमला ने अनुसूचित जनजातीय उपयोजना (टी. एस. पी) के अंतगर्त एक दिवसीय शीतोषण फलों की नर्सरी प्रबंधन तथा शीतोषण फलों, गेहूं एवं जौ की खेती की उन्नत तकनीकी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 10 मार्च 2022 को मेहला, चंबा ( हि. प्र.) में अनुसूचित जनजाति  किसानों के लिए आयोजन किया गया था । भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र शिमला के अध्यक्ष डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने इस कार्यक्रम का आयोजन वैज्ञानिकों, प्रशासनिक वर्ग, तकनिकी अधिकारी तथा कुशल सहाई कर्मचारी के सहायता में मेहला, चंबा ( हि. प्र.) में पांच पंचायत ( धिमला, दाडवी, बकाण, मेहला एवं फागडी) के अनुसूचित जनजाति  किसानों के लिए किया| डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक के अध्यक्षता में मुख्य अतिथि  श्री नवीन कुमार (आई. ए. एस ), एस. डी. एम, चंबा, श्री मनीष कुमार, बी.डी.ओ., मेहला, विशिष्ट अतिथि तथा श्री लछिया राम ठाकुर  सेवानिर्व्रित सी.जी.एम्. (एस. बी.आई.), एवं डॉ केहर सिंह ठाकुर, वरिष्ठ वैज्ञानिक के.वी.के. चंबा एवं पांच पंचायतों के  महिला प्रधान सम्मानित अतिथि रहे| अध्यक्ष के साथ डॉ ए. के. शुक्ला (प्रधान वैज्ञानिक), डॉ मधु पटियाल (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ संतोष वाटपाडे (वैज्ञानिक), श्री बेग राम (प्रशासनिक वर्ग), श्री बलदेव सिंह (तकनिकी अधिकारी), श्री मोलक राम(तकनिकी अधिकारी), श्री तिलक राज एवं श्री यश पाल शर्मा (कुशल सहाई कर्मचारी) उपस्थित रहे| डॉ ए. के शुक्ला ने अतिथि एवं किसानो का स्वागत किया| तत्पश्चात अध्यक्ष डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने सभी अतिथियों को भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र की तरफ से स्मृति चिन्ह प्रदान किया| उन्होंने इस कार्यक्रम के बारे में तथा क्षेत्रीय केंद्र शिमला के उपलब्धि के बारे में जानकारी दी विशेशकर अखरोट, मूलवृंत, कीवी, गुटलीदार फलों,  स्ट्रॉबेर्री तथा गेहूं एवं जौ के बारे में जानकारी दी| मुख्य अतिथि के हाथों से अनुसूचित जनजाति  किसानों के लिए भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र शिमला से लाई गई किट/ आइटम (फफूंदनाशक, जिंक, बोरोन, एन. पी. के . मिक्सचर, शेड नेट, ट्री गार्ड, एंटी हैल नेट, एंटी बर्ड नेट, सेब के पोधे, फोल्डर इत्यादि) का आवंटन किया| उन्होंने भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र शिमला के यह प्रयास विशेषकर अध्यक्ष डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक के अनुसूचित जनजातीय उपयोजना चंबा में कराने के लिए प्रशंसा की तथा इस से सबको लाभ उठाने के लिए आह्वान किया| सेब के बागीचों के बारे में भी तकनिकी जानकारी दी गई| डॉ केहर सिंह ठाकुर, वरिष्ठ वैज्ञानिक (के.वी.के.) चंबा ने धन्यवाद प्रस्ताव किया| इस प्रोग्राम को संचालित डॉ मधु पाटियाल (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने किया| इस कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक पुरुष एवं महिला अनुसूचित जनजाति  किसानों ने भाग लिया|

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