छोटाभंगाल की सात पंचायतों को 75 एक एम्बुलेंस नहीं दे पाई कोई भी सरकार
छोटाभंगाल के समस्त लोगों की कई वर्षों से एम्बुलेंस की मांग चली आ रही है। जिला परिषद सदस्य पवना देवी ने बताया कि छोटा भंगाल में सात पंचायतों में लगभग 9500 स्थानीय निवासियों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए दो प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र कोठी कोहड़ तथा लोहारडी में है जबकि दो उप स्वास्थय केन्द्र नलहोता तथा दियोट(आर्युवेदिक) है परन्तु इन केन्द्रों में एम्बुलेंस की सुविधा न होने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
स्थानीय निवासियों की सरकार तथा प्रशासन से एक एम्बुलेंस की की मांग करते आ रही है। मगर घाटी के लिए एम्बुलेंस को प्रदान करने में सरकार आनाकानी की जा रही है।
पवना देवी ने बताया कि दो साल पहले एक एम्बुलेंस सरकार द्वारा इस घाटी के लिए देने के लिए मंजूरी मीली थी मगर एम्बुलेंस अज तक नहीं आई।
सरकार द्वारा यह प्रतिक्रिया की जा रही है कि इस एम्बुलेंस चलाने के लिए आपकी ओर से चालक दिया जाये और जब तक चालक नहीं दिया जाता तब तक घाटी के लिए एम्बुलेंस नहीं दी सकती है।
पवना देवी ने बताया कि उनके कहने के अनुसार जन कल्याण सभा के प्रदेशाध्यक्ष चुनी लाल के माध्यम से एम्बुलेंस चलाने के लिए चालक भी उपलब्ध करवा दिया गया है। इसके बावजूद भी सरकार एम्बूलेंस देने के लिए आनाकानी कर रही है।
जिस कारण जिला परिषद सदस्य पवना देवी, जन कल्याण सभा के प्रदेशाध्यक्ष चुनी लाल तथा घाटी के समस्त लोग सरकार से बेहद खफा हैं।
पवना देवी ने सरकार के ऊपर आरोप लगाया है कि इस दुर्गम घाटी के साथ बड़ा ग्रां, कोठी कोहड़, धरमाण, मुल्थान, लोआई, स्वाड़ तथा पोलिंग की सात पंचायतों में लगभग 9500 स्थानीय लोगों के साथ सौतेला ब्यवहार कर रही है। इस पिछड़े क्षेत्र के साथ इससे बड़ी बिडम्बना और क्या हो सकती है।
जिला परिषद सदस्य पवना देवी ने कहा कि सरकार उन्हें दो वर्षों से झुठा आश्वासन देती आ रही है। इस घाटी के लिए एम्बूलेंस सुविधा न होने से घाटी के बीमार लोगों को दूसरे जिला की चौहार घाटी के बरोट में स्थित सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र की सरकारी एम्बुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है। एसे में घाटी के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पवना देवी ने कहा कि गत वर्ष घाटी के मुल्थान में एक विशेष कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सार्वजनिक मंच में इस घाटी के लिए एम्बुलेंस देने की घोषणा की थी मगर उनकी घोषणा भी मात्र घोषणा तक ही सिमट कर रह गई है।
गत दो वर्ष के कोरोना काल में कई लोग एम्बुलेंस की सुविधा न होने के कारण बिना मौत के मारे गए। अगर घाटी में एम्बूलेंस सुविधा होती तो शायद उन लोगों की जान बच सकती थी।
उन्होंने कहा कि इस घाटी के लिए जिस एम्बूलेंस के लिए ऑर्डर दे रखा है वह अभी भी टाटा शोरूम में ही खड़ी हुई है जिसकी सरकार अभी तक कीमत ही नहीं चुका पायी है।
इस बारे में उप मंडल बैजनाथ के एसडीएम सलीम आज़म से बात की गई तो उनका कहना है कि राजकीय प्राथमिक स्वास्थय केन्दों के लिए सरकारी 108 नम्बर की एम्बूलेंस सरकार द्वारा उपलब्ध ही नहीं करवाई जाती है।
पवना देवी सहित जनकल्याण संस्था के प्रदेशाध्यक्ष चुनी लाल ने सरकार को चेताया है कि अगर हाल ही में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस घाटी में एम्बूलेंस नहीं दी गई तो घाटी के हज़ारों लोगों सहित सरकार तथा प्रशासन के विरुद्ध सड़क पर उतरने पर मजबूर होना पड़ेगा।