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मनरेगा के तहत आनी निरमंड विकास खंड अव्वल

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आनी, 2 सितंबर – केंद्र सरकार द्वारा गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करने, ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य  से शुरू की गई मनरेगा योजना के क्रियान्वयन के मामले पर आनी और निरमंड खंड बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिला कुल्लू में बीते साल सबसे ज्यादा मानव दिवस क्रमश आनी और निरमंड विकास खंड में सृजित हुए। चालू वित्त वर्ष में भी आनी और निरमंड खंड मानव दिवस सृजित करने में अभी तक अव्वल हैं। इससे ग्रामीणों का जहां रोजगार सुनिश्चित हुआ है वहीं आजीविका सुरक्षा को भी बल मिला है।

वर्ष 2020-21 में आनी विकास खंड में कुल्लू जिला में सबसे ज्यादा 5 लाख 20 हजार 622 मानव दिवस सृजित हुए। वहीं निरमंड खंड 4 लाख 82 हजार 833 मानव दिवस सृजित कर जिलाभर में दूसरे स्थान पर रहा। इस दौरान आनी में 12.15 करोड़ रुपए मनरेगा के तहत खर्च हुआ और निरमंड में 15.38 करोड़ रुपए की राशि मनरेगा के विभिन्न मदों में खर्च हुई।

वहीं वित्त वर्ष 2021-22 में अगस्त माह तक जिला में सबसे ज्यादा 2लाख93 हजार 368 मानव दिवस आनी खंड में सृजित हो चुके हैं। वहीं दूसरे स्थान पर निरमंड खंड है, जहां 2लाख 86 हजार 708 मानव दिवस सृजित हो चुके हैं। इस वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा राशि निरमंड खंड में 10.23 करोड़ रुपए खर्च हो चुकी है। वहीं 9.62 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर आनी खंड दूसरे स्थान पर है।

ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कुल्लू जिला की आनी विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा के तहत विभिन्न कार्यों को सिरे चढ़ाना सुनिश्चित किया जा रहा है और लोगों की आजीविका सुनिश्चित करने के लिए सरकार और प्रशासन लगातार प्रयासरत हैं। विधायक किशोरी लाल सागर का कहना है कि पंचायती राज विभाग मनरेगा सहित विभिन्न योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए कृत संकल्प है। सरकार विधानसभा क्षेत्र की बेहतरी के लगातार प्रयासरत है।

33 लाख मानव दिवस सृजित, 95.4 करोड़ खर्च
बीते साढ़े तीन सालों में अगस्त 2021 तक आनी विधानसभा क्षेत्रों के दोनों विकास खंडों में 33 लाख 10 हजार 576 मानव दिवस सृजित हो चुके हैं। इस पर 95.4 करोड़ रुपए की राशि भी खर्च हो चुकी है।

मनरेगा से जोड़ी मुख्यमंत्री एक बीघा योजना, 724 मामले स्वीकृत
कोरोना काल में शुरु की गई मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के तहत विधानसभा क्षेत्र में अभी तक 724 मामले स्वीकृत किए जा चुके हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए शुरु हुई इस योजना को सरकार ने मनरेगा से जोड़ा है। इसमें अधिकतर महिलाओं को लाभ दिया गया है। भूमि सुधार, नर्सरी उत्पादन, केंचुआ खाद गड्ढा निर्माण, पौधारोपण, अजोला पिट निर्माण, जल संरक्षण संरचना निर्माण आदि कार्य इसके तहत किए जा रहे हैं। योजना के तहत 1 लाख रुपए तक की सहायता सरकार प्रदान कर रही है।

योजना शीर्ष के तहत 70.17 करोड़ व्यय
वर्ष 2018 के बाद आनी और निरमंड विकास खंडों में योजना शीर्ष के तहत पंचायतों में विभिन्न विकास कार्य सुनिश्चित किए जा रहे हैं। योजना के तहत साढ़े तीन सालों में 70.17 करोड़ रुपए की राशि विधानसभा क्षेत्र को प्राप्त हुई है। इसमें से अधिकतर राशि को खर्च किया जा चुका है। शेष राशि के कार्य भी जल्द सिरे चढ़ाए जाएंगे।

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