कोरोना की दूसरी लहर में भी मनरेगा से मिल रहा है रोजगार
1 min readहमीरपुर 11 जून। इस वित्त वर्ष की शुरुआत में ही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण जहां अधिकांश आर्थिक गतिविधियों पर दोबारा विराम सा लगने लगा और बड़े-बड़े शहरों एवं औद्योगिक क्षेत्रों से कई युवा एक बार फिर अपने घरों की ओर लौटने लगे, वहीं कई व्यवसाय भी मंदे पडऩे लगे और कई क्षेत्रों में तो रोजगार पर ही संकट खड़ा हो गया। ऐसी परिस्थितियों में हमीरपुर जिले के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा आम लोगों के लिए बड़ा सहारा साबित हुई है। इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से लोगों को जहां अपने गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो रहा है, वहीं वे अपने गांव के विकास में भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर रहे हैं। इस वित्त वर्ष के करीब ढाई महीनों में ही जिला में मनरेगा के तहत 5 करोड़ 78 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।
जिला में मनरेगा में महिलाओं की अच्छी भागीदारी से यह योजना और भी सार्थक साबित हो रही है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब महिलाएं आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की राह पर अग्रसर हो रही हैं। इसकी एक मिसाल नादौन विकास खंड की ग्राम पंचायत गाहली में देखने को मिल रही है। मनरेगा में कार्य कर रही गाहली की प्रीतां देवी, आशा रानी, मंजू, रोशनी, कमलेश, सुनीता और अन्य महिलाओं ने बताया कि कोरोना संकट के इस दौर में भी उन्हें अपने गांव में ही रोजगार मिल रहा है। वे प्रतिदिन सुबह-शाम घर-परिवार का काम कर लेती हैं और दिन में मनरेगा में भी दिहाड़ी लगा लेती हैं। मनरेगा से उनके परिवार की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है।
ग्राम पंचायत गाहली के प्रधान जोगिंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले ही कार्यभार संभाला है। कार्यभार संभालने के कुछ समय बाद ही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने जोर पकडऩा शुरू कर दिया। इलाके में संक्रमण के मामले बढऩे लगे, लेकिन संकट के इस दौर में भी सरकार ने मनरेगा के कार्यों को प्रभावित नहीं होने दिया। उनकी पंचायत में कोरोना संबंधी सभी आवश्यक सावधानियों के साथ मनरेगा के तहत कई कार्य करवाए जा रहे हैं।
उधर, उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने बताया कि मनरेगा के तहत जिला में 99,129 परिवारों का पंजीकरण किया गया है। कोरोना संकट के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान हमीरपुर जिला में मनरेगा के तहत लगभग साढे 46 करोड़ रुपये खर्च किए गए। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच यानि पहली अप्रैल को आरंभ हुए वित्त वर्ष 2021-22 में भी अभी तक जिला में मनरेगा के तहत 5 करोड़ 78 लाख रुपये की धनराशि खर्च की जा चुकी है। दस जून तक जिला में 2,52,804 श्रम दिवस अर्जित किए गए, जिनमें से महिलाओं ने 1,93,300 श्रम दिवस अर्जित किए। यानि इस योजना में महिलाओं की भागीदारी लगभग साढे 76 प्रतिशत रही।