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किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए अनेक योजनाएं आरंभ -वीरेंद्र कंवर

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धर्मशाला  26 जून:  जिला कांगड़ा में अतिरिक्त कृषि निदेशक उत्तरी क्षेत्र के अधिकारियों व पांच जिलों के कृषि उपनिदेशको के साथ ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं कृषि मंत्री, वीरेन्द्र कंवर ने कृषि से सम्बंधित कार्यों व योजनाओं के बारे विस्तार से चर्चा की।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी में कृषि के अहम योगदान को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार इसके विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। प्रदेश के किसानो की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। वे आज कृषक प्रशिक्षण केन्द्र धर्मशाला में बोल रहे थे।
मंत्री  महोदय  ने कहा कि किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए आरंभ की गई अनेक योजनाओं का कार्य तीव्र गति से आरंभ किया जा रहा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं गांव के विकास पर केन्द्रित हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल विकास की राह में आगे बढ़े इस दिशा में प्रदेश सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पारम्परिक फसलें हमारे बीच में खत्म होती जा रही हैं, इसलिए लाल चावल, कोडो, कुटकी को बढ़ावा दिया जाए और प्रदर्शन प्लॉट सामूहिक स्तर पर लगाए जाएं।
उन्होंने कहा कि कृषि उत्पाद में वृद्धि के लिए र्प्याप्त सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जल से कृषि को बल, ‘‘बहाव सिंचाई योजना’’ व ‘‘सौर सिंचाई योजना’’ आरंभ की गई है। प्रदेश सरकार विशेष तौर पर बे-मौसमी सब्जी उत्पादन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के भरसक प्रयास कर रही है जिसके लिए किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा प्रदान करने पर बल दिया जा रहा है।
प्रदेश में ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में सिंचाई हेतु जल उठाने के लिए सौर सिंचाई योजना नामक नई योजना शुरू की गई है। योजना के अन्तर्गत सौर पम्पों से सिंचाई हेतु लघु एवं सीमंात वर्ग के किसानों को व्यक्तिगत रूप से पंपिंग मशीनरी लगाने हेतु वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्तर पर (कम से कम पांच किसानों का समूह) पंपिंग मशीनरी लगाने हेतु सभी वर्ग के किसानों के लिए शत-प्रतिशत व्यय सरकार द्वारा वहन करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार अपनाने के उद्देश्य से अपनी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ‘‘मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना’’ चलाई जा रही है जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों एवं खेतीहर मजदूरों के घायल होने अथवा उनकी मृत्यु होने पर मुआवजा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों की महत्ता को देखते हुए सरकार इनके संरक्षण और उत्पादन पर विशेष ध्यान दे रही है। किसानों की औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हे जिससे न केवल किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी अपितु आयुर्वेदिक औषधियां तैयार करने के लिए इन पौधों की उपलब्धता सुगम होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सुरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए पली हाउस निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर खेत को पानी उपलब्ध करवाने की अवधारणा से आरंभ की गई ‘‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’’ के उत्साहवर्धक परिणाम सामने आने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने, रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के उपयोग को हतोत्साहित करने तथा लोगों को गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध करवाने के लिए ‘‘प्राकृतिक खेती-खुशहाल किसान’’ नाम से महतवाकांक्षी योजना आरम्भ की गई है।

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