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लाजवाब लाहौल के बैनर तले मनाली में सजे लाहौली उत्पाद

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लाहौल- स्पीति भवन में उपलब्ध रहेंगे हस्तशिल्प व पारंपरिक खाद्य पदार्थ 
विंटर कार्निवल में भी लाहौली स्वयं सहायता समूह लगाएगा अपना स्टॉल
केलांग, 29 दिसम्बर- लाहौल घाटी में मौजूद पर्यटन के तमाम आकर्षण को देश-विदेश के पर्यटकों से रूबरू करने के अलावा घाटी के लाजवाब कला- शिल्प और पारंपरिक व्यंजनों को लाहौल के बाहर भी पहुंचाने के मकसद से शुरू पहल ‘लाजवाब लाहौल’ के बैनर तले आज मनाली स्थित लाहौल- स्पीति भवन में पारंपरिक व्यंजनों और हस्तशिल्प उत्पादों को लेकर स्थापित आउटलेट का शुभारंभ उपायुक्त नीरज कुमार ने किया। लाहौल घाटी के स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए इन उत्पादों को पर्यटक लाहौल- स्पीति भवन के प्रांगण में स्थापित इस आउटलेट से खरीद सकते हैं। इसके अलावा लाहौल घाटी के पारंपरिक व्यंजनों के स्वाद और सुगंध का आनंद भी उठा सकते हैं। उपायुक्त नीरज कुमार ने इस मौके पर कहा कि जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की पहल ‘लाजवाब लाहौल’ के तहत ही इस आउटलेट की शुरुआत पर्यटन नगरी मनाली में की गई है ताकि लाहौल घाटी के स्वयं सहायता समूह इस आउटलेट के माध्यम से देश-विदेश के उपभोक्ताओं तक इन आकर्षक उत्पादों को पहुंचा सकें।
‘उपायुक्त ने बताया कि जनजातीय विकास मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने भी इसको लेकर विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए थे ताकि लाहौल घाटी के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को इस तरह के मंचों के माध्यम से न केवल इन उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिले बल्कि वे इससे आमदनी भी अर्जित कर सकें।’
उन्होंने बताया कि विंटर कार्निवल आयोजन समिति से भी इन स्वयं सहायता समूहों को विंटर कार्निवल के दौरान स्टॉल मुहैया करने का आग्रह किया गया है। स्वंय सहायता  समूह से जुड़ी महिलाएं इस स्टॉल के जरिए इन उत्पादों को विंटर कार्निवल में आने वाले पर्यटकों को बेच सकेंगी।
‘कार्यक्रम में मौजूद नगर परिषद मनाली के अध्यक्ष चमन कपूर ने कहा कि लाहौल घाटी के इन स्वंय सहायता समूह को विंटर कार्निवल में स्टॉल उपलब्ध कर दिया जाएगा।’
नीरज कुमार ने कहा कि ‘लाजवाब लाहौल’ के तहत आने वाले समय में फूड  फेस्टिवल विभिन्न जगहों पर आयोजित किए जाएंगे। इनमें जिस समूह द्वारा सर्वाधिक बिक्री अर्जित की जाएगी उन्हें जिला प्रशासन द्वारा पुरस्कृत भी किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि लाहौल- स्पीति भवन में घाटी के हस्तशिल्प उत्पादों और व्यंजनों के लिए एक स्थाई आउटलेट तैयार करने की दिशा में भी विचार किया जाएगा ताकि पूरा सीजन घाटी के बेहतरीन उत्पाद पर्यटकों की पहुंच में रहें।
उपायुक्त ने बताया कि लाहौल घाटी की इस समृद्ध विरासत को सहेजने और विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से विकसित करने की कार्य योजना पर भी काम चल रहा है ताकि मौजूदा बाजार और उपभोक्ताओं की अपेक्षा के मुताबिक इन उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के काम को अंजाम दिया जा सके।

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