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सीएसआईआर-आईएचबीटी संस्थान पालमपुर के साथ लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन का हुआ एमओयू

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कृषि उत्पादों के सुधार व उत्पादन वृद्धि पर आधारित है एमओयू
मृदा व जल संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन पर भी रहेगा फोकस
खाद्य प्रसंस्करण, ब्रांडिंग व मार्केटिंग की कार्य योजना रहेगी शामिल
औषधीय एवं सुगंधित पौधों की वैरायटियों में सुधार के साथ प्रोसेसिंग की जागरूकता व जानकारी की जाएगी साझा 
पुष्पोत्पादन के अलावा अन्य नकदी फसलों से जुड़ी नवीन तकनीक से भी लैस किए जाएंगे किसान
केलांग, 6 जनवरी- सीएसआईआर-आईएचबीटी( वैज्ञानिक एवं ओद्योगिक अनुसंधान परिषद के हिमालय जैव संपदा प्रोद्योगिकी  संस्थान) पालमपुर के साथ लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन का कृषि उत्पादों के सुधार व उत्पादन वृद्धि को लेकर बुधवार को पालमपुर में अहम समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित हुआ।
उपायुक्त नीरज कुमार और निदेशक सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर डॉ संजय कुमार ने 3 वर्षों की अवधि के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस मौके पर निदेशक डॉ संजय कुमार ने कहा कि लाहौल-स्पीति  जिला प्रशासन के साथ किया गया यह समझौता आने वाले समय में लाहौल- स्पीति जिले को आर्थिक समृद्धि और खुशहाली के कई नए आयाम स्थापित करने में मदद करेगा। एमओयू कृषि उत्पादों के सुधार व उत्पादन वृद्धि पर आधारित है।
उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण, ब्रांडिंग व मार्केटिंग की कार्य योजना
भी शामिल रहेगी। इसके अलावा मृदा व जल संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन पर भी पूरा  फोकस रहेगा।
डॉ संजय कुमार ने कहा कि औषधीय एवं सुगंधित पौधों की वैरायटियों में सुधार के साथ प्रोसेसिंग की जागरूकता व जानकारी भी किसानों के साथ  साझा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पुष्पोत्पादन के अलावा अन्य नकदी फसलों से जुड़ी नवीन तकनीक से किसान लैस किए जाएंगे। उपायुक्त लाहौल-स्पीति नीरज कुमार ने कहा कि लाहौल-स्पीति के लोगों की आजीविका मुख्य तौर पर कृषि पर आधारित है। इस क्षेत्र में विशेष कर लाहौल-स्पीति के परिप्रेक्ष्य में कुछ अलग चुनौतियां हैं। जिनमें उच्च पैदावार वैरायटी के विविधीकरण का सीमित होना, भंडारण क्षमता की कमी, सीमित औद्योगिक पहुंच, उत्पादों की वेल्यू एडिशन और ब्रांडिंग इत्यादी शामिल हैं। इन चुनौतियों से पार पाकर यहां के समग्र कृषि परिदृश्य को मौजूदा जरूरतों के अलावा आने वाले समय में पैदा होने वाली मांग के अनुरुप तैयार करने के लिए ही सीएसआईआर-आईएचबीटी संस्थान पालमपुर के साथ समझौता ज्ञापन को हस्ताक्षरित किया गया है ताकि हिमाचल प्रदेश के भौगोलिक  दृष्टि से सबसे बड़े जिले में आर्थिक और सामाजिक समृद्धि के नए द्वार खुल सकें।
एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम में संस्थान के डॉ एसजी रेड्डी, डॉ एस सिंह, डॉ महेश गुप्ता, डॉ सुखजिंदर, डॉ भव्या भार्गव व डॉ राकेश कुमार भी मौजूद रहे।

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