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खस वैटीवर के रोपण से पहाड़ों पर हो रहे भूस्खलन को रोकना संभव

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आरोग्य भारती हिमाचल प्रदेश एवं अमृत हिमालय फाउंडेशन द्वारा हरित भारत स्वस्थ भारत विषय पर आयोजित तरंग संगोष्ठी में आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सचिव डॉ राकेश पंडित ने कहा कि लगातार वर्षा से हो रहे भू स्खलन कै रोकने के लिए खस वैटीवर का रोपण भूमि-कटाव रोकने में कारगर सिद्ध हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि हरित भारत बनाने से ही स्वस्थ भारत बनना संभव हो सकता है।डॉ राकेश पंडित ने आगे कहा कि वैज्ञानिक पृष्ठभूमि पर विकसित हमारी भारतीय में प्रकृति एवं पर्यावरण के साथ तालमेल सामजस्य , संरक्षण एवं इसके महत्व को समझने के लिए अनेक संस्कार परंपरा से चले आ रहे हैं। हमारे यहां पर्यावरण एवं प्रकृति का महत्व दर्शाने हेतु प्रकृति वंदन,पर्वत पूजा,नदि तालाब, बावड़ियों की पूजा, पेड़ पौधों वृक्षों की पूजा , संवर्धन एवं संरक्षण पर बल दिया गया है। डॉ राकेश पंडित ने आवाह्न किया कि सभी लोग कम-से-कम 10 वृक्ष जरुर लगाएं तथा अपने आसपास की भूमि में आहार वन एवं पोषण वाटिका विकसित करें। इससे पृथ्वी भी हरित होगी, प्राकृतिक खाद्यान्न से कुपोषण की समस्या दूर होगी तथा शुद्ध आक्सीजन मिलने से स्वस्थ भारत का संकल्प भी पूरा होगा। पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार में वनमहानिरीक्षक डॉ सुनीश बक्शी ने विशिष्ट वक्ता के रूप में अपने उद्बोधन में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम 10 वृक्ष लगाए तो सन 2030 तक भारत वर्ष हरित बनाने का प्रधानमंत्री का लक्ष्य पूरा हो सकता है।
भारत सरकार में पूर्व प्रिंसीपल चीफ आयकर आयुक्त एवं पर्यावरणविद् डॉ पतंजलि झा ने अपने उद्बोधन में कहा कि वन संरक्षण के माध्यम से आहार, पर्यावरण एवं जल संरक्षण की की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। धरातल पर किए अपने अनुभव के बारे में अनुभव सांझा करते हुए उन्होंने ने आगे बताया कि खस वैटीवर के रोपण से भूमि कटाव रोकने एवं जल शुद्धिकरण में वन संरक्षण में विशेष सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने ने आहार वन – फ़ूड फारैस्ट कै विकसित करने पर बल दिया। भावनगर से पर्यावरण प्रेमी किशोर भाई भट्ट ने वन संरक्षण-संवर्धन में सीड बॉल के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने आरोग्य भारती एवं अमृत हिमालय फाउंडेशन द्वारा आरोग्य, पर्यावरण संरक्षण एवं पौधारोपण के प्रति लगातार जागरुकता अभियान चलाने के लिए बहुत बधाई दी। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर से पर्यावरण प्रेमी,चिंतक एवं विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस संगोष्ठी में श्री अनिल जैन, डॉ प्रियंका ,श्री सुरेश गुप्ता, डॉ सरोज सोनी, डॉ विदेशी प्रसाद, डॉ उपेंद्र शर्मा,सश्री मनिंदर कौर,डॉ अनिल मैहता, डॉ हेमराज शर्मा, डॉ ओम् राज शर्मा, डॉ अनिल राय , डॉ चमन चोहान, डॉ नरेश शर्मा, जगजीत दैहल, दीपाली गोतम, ईश्वर चंद्र सहित देशभर से अनेक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ अनिल भारद्वाज ने किया।

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