शिक्षा बोर्ड वसूलेगा पहली बार छात्रों से लेगी परीक्षा शुल्क
1 min readप्रदेश में जयराम सरकार इस समय उप चुनाव की कठिन परीक्षा से गुजर रही है। इसी बीच स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक ऐसी अधिसूचना जारी कर दी है, जिसकी अंदरखाते आलोचना शुरू हो गई है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने तीसरी, पांचवी व आठवीं की कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए पहली बार परीक्षा शुल्क लगाया है। तीसरी व पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए 100 रुपए का शुल्क होगा, जबकि आठवीं के लिए 150 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।
कमाल की बात ये है कि शिक्षा बोर्ड से भूल गया कि आरटीई एक्ट के तहत आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है। सूत्रों की मानें तो बोर्ड की ये अधिसूचना, सीधे-सीधे आरटीई एक्ट का उल्लंघन है। यही नहीं, बोर्ड ने 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों के परीक्षा शुल्क में भी इजाफा कर दिया है। दसवीं के विद्यार्थियों को पहली व दूसरी टर्म की परीक्षाओं के लिए 1000 रुपए देने होंगे। जबकि 12वीं की कक्षाओं के लिए ये राशि 1400 रुपए कर दी गई है। इससे पहले दसवीं कक्षा का परीक्षा शुल्क 600 रुपए था। जबकि 12वीं कक्षा के लिए ये राशि 850 रुपए थी।
अधिसूचना में बोर्ड के अध्यक्ष ने ये बात तो कही है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत 9वीं, 10वीं, 11वीं व 12वीं के प्रथम व दूसरे टर्म की परीक्षाओं के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है, लेकिन तीसरी, पांचवी व आठवीं कक्षाओं के शुल्क के बारे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हवाला नहीं दिया गया है। अहम बात यह है कि बोर्ड ने इस प्रावधान को तुरंत इसी शैक्षणिक सत्र से लागू कर दिया है।
सूत्रों ने ये भी सवाल उठाया कि जब सारा कार्य स्कूलों द्वारा ही किया जा रहा है तो साफ तौर पर जाहिर है कि बोर्ड अपना खजाना भरने की कोशिश में लगा हुआ है, लेकिन इस बात को नजर अंदाज किया जा रहा है कि इससे छात्रों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।
उधर, बोर्ड ने आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि नवंबर व दिसंबर 2021 में संचालित की जाने वाली दसवीं व जमा दो के नियमित परीक्षार्थियों की टर्म-1 की परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र निर्धारित शुल्क क्रमशः 500 व 600 सहित बिना विलंब 11 अक्तूबर से 20 अक्तूबर तक किया जा सकता है। विलंब शुल्क के साथ 25 अक्तूबर तक आवेदन स्वीकृत होंगे।
गौर करने वाली बात ये भी है कि बोर्ड ने तीसरी, पांचवी व आठवीं में परीक्षा शुल्क के फैसले के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने बोर्ड के सचिव सहित अतिरिक्त सचिव को संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। बोर्ड द्वारा अगर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी की जाती है तो इसे प्रकाशित किया जाएगा।