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हिमालय साहित्य मंच पांच महिला रचनाकारों को करेगा सम्मानित

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8 सितंबर, 2023 शिमला

हिमालय साहित्य मंच पांच महिला रचनाकारों को करेगा सम्मानित। वरिष्ठ लेखिका डॉ.नलिनी विभा ‘नाज़ली‘ को ‘आजीवन साहित्य उपल्ब्धि सम्मान‘ और चार युवा महिला लेखिकाओं …. डॉ.प्रेरणा ठाकरे, डॉ. देवकन्या ठाकुर, दीप्ति सारस्वत ‘प्रतिमा‘ और डॉ.देविना अक्षयवर को ‘‘युवा साहित्य सृजन सम्मान‘‘।

देश और प्रदेश में अपने अनूठे साहित्यिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय सोच के कार्यक्रमों के लिए प्रतिष्ठित हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच पांच महिला लेखिकाओं को उनके हिन्दी और हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में दिए रहे उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित करेगा। इन रचनाकारों में हिन्दी और उर्दू की प्रख्यात वरिष्ठ लेखिका-गज़लकार डॉ.नलिनी विभा ‘नाज़ली‘ को ‘आजीवन उपलब्धि साहित्य सम्मान‘ और चार युवा लेखिकाओं–डॉ.प्रेरणा ठाकरे (नीमच मध्य प्रदेश), डॉ. देवकन्या ठाकुर, दीप्ति सारस्वत ‘प्रतिमा‘ व डॉ. देविना अक्षयवर को ‘हिमालय युवा साहित्य सम्मान‘ से अलंकृत किया जाएगा। यह जानकारी प्रख्यात लेखक व हिमालय साहित्य मंच के अध्यक्ष एस.आर.हरनोट ने आज शिमला में एक प्रैस नोट जारी कर मीडिया को दी।

हरनोट ने बताया कि वरिष्ठ लेखिका डॉ.नलिनी विभा ‘नाज़ली‘ का नाम एक शायरा/गज़लकार के रूप में देश भर में प्रख्यात है। उनके अब तक 13 गज़ल संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें दो पुस्तकें बच्चों के लिए भी शामिल हैं। हाल ही में उनका ग़ज़लों का वृहद् ग्रन्थ ‘दीवान-ए-नाज़ली‘ प्रकाशित हुआ है जिसमें उनकी पांच सौ के क़रीब ग़जलें संग्रहीत हैं। नाजली जी को प्रदेश ओर देश के अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। डॉ.प्ररेणा ठाकरे की मूल भाषा मलयालम है जबकि वे पिछले लगभग 25 सालों से हिन्दी की मंचीय कविता में बेहद सक्रिय हैं और अपने प्रदेश में एक सैलेब्रिटी की तरह लोकप्रिय हैं। हिन्दी साहित्य में पी.एच.डी डॉ0 प्रेरणा ठाकरे मध्य प्रदेश के नीमच में एक सरकारी कॉलेज में हिन्दी की आचार्य हैं। मंचीय कविता और बच्चों को कई व्यवहारिक सम सामायिक विषयों को पढ़ाने में उनकी महारथ है। वे हिन्दी कविता, ग़जल और कहानी लेखन में सम्मान रूप से सक्रिय हैं। उनकी अबतक कविता और गज़लों की चार और कहानी की एक पुस्तक प्रकाशित हैं। वे कई राज्य सम्मानों से अलंकृत हैं। डॉ.देव कन्या ठाकुर हिन्दी साहित्य और फिल्म निर्माण में सक्रिय हैं। अब तक अंग्रेजी और हिन्दी में पांच पुस्तकें प्रकाशित हैं और हिमाचल के कई दुर्लभ विषयों में कई फिल्मों का निर्माण कर चुकी है जिन्हें कई राज्य और राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। पिछले कई सालों से देवकन्या ठाकुर शिमला अंतराष्ट्रीय फिल्म फैस्टिवल का सफल संचालन कर रही है। दीप्ति सारस्वत ‘प्रतिमा‘ लेखन के साथ अध्यापन में रहते हुए हिन्दी की सेवा कर रही है। उनकी अब चार कविता और एक कहानी की पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। साथ ही डिजिटल मीडिया में सकिक्र हैं। डॉ. देविना अक्षयवर मूल रूप से मोरिशस की निवासी हैं लेकिन जे.एन.यू में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने स्थायी निवास शिमला हिमाचल बना लिया है। वे फ्रैंच भाषा की विद्वान भी हैं। इन दिनों शिमला के प्रतिष्ठित कॉलेज सैंट बीड्स में हिन्दी की सहायक प्रोफेसर हैं। प्रवासी साहित्य को लेकर उनका अध्ययन हैं और वे कविता, कहानी और आलोचना में समान रूप से अपनी भूमिका निभा रही हैं। ऐसी चार युवा प्रतिभाओं को सम्मानित करने पर हिमालय मंच गौरवान्वित महसूस करता है। सम्मान समारोह शिमला में अक्तूबर मास में आयोजित किया जाएगा जिसकी तिथियों की घोषण जल्दी ही की जाएगी।

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