हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में भारत के शीर्ष राज्यों में से एक
1 min readशिमला, 20 सितंबर : भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति एवं सभी को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 कारगर साबित होंगी। यह बात शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सेंट बीडस कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आयोजित ‘छात्र संवाद’ में छात्रों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कुशल और प्रभावी निष्पादन के लिए तथा नीति के सुचारू एवं सफल संचालन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उचित कदम उठाए जा रहे है।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में भारत के शीर्ष राज्यों में से एक है। राज्य सरकार उच्च गुणवत्ता, समतामूलक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि हमारे छात्र सभी बाधाओं को दूर कर जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य सभी के लिए बहु-विषयक और समग्र शिक्षा प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि देश में आजादी के उपरांत ही शिक्षा के क्षेत्र में मूल परिवर्तन की आवश्यकता थी। शिक्षा का सही अर्थ ही मनुष्य का सर्वांगीण विकास है। शिक्षा पद्धति का ज्ञानवर्धक होना अति आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के लोगों को उड़ान प्रदान करेगी तथा भारत में रोजगारोन्मुखी
शिक्षा प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करेगी।
उन्हांेने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण के लिए कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया, जिसके निर्माण के दौरान देश से लगभग 6 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त किए गए और सुझाव के आधार पर समय-समय पर संशोधन भी किया गया।
उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में लम्बे समय तक शासन करने के लिए लाॅर्ड मेकाले ने शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन किया। तदोपंरात आजाद भारत में समय-समय पर शिक्षा के क्षेत्र में थोड़े बहुत परिवर्तन किए गए, लेकिन समय की मांग के अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा सामग्री तथा मूल परिवर्तन नहीं किया गया।
उन्हांेने कहा कि दूसरे देश के पद चिन्हों पर विकसित राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती है। भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने तथा समृद्धशाली राष्ट्र निर्माण के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति कारगर साबित होगी।
उन्हांेने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से जीडीपी का 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में लगाया जाएगा। नीति में पूर्व प्राथमिक स्तर की शिक्षा तीन वर्ष तक दी जाएगी, जिसमें बच्चों को प्ले स्कूल में खेल-खेल के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। शिक्षा नीति में मातृ भाषा को 8वीं तक तथा उससे आगे की शिक्षा मंे प्राथमिकता देने का भी प्रावधान किया गया है।
कार्यक्रम में अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद प्रो. सुनील गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर अपनी विस्तृत बात रखी तथा छात्रों से सुझाव आमंत्रित किए। इस अवसर पर छात्राओं ने नीति से संबंधित प्रश्न पूछ कर वाद संवाद स्थापित किया गया।