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हिमाचल हाईकोर्ट ने रामलाल ठाकुर को दी क्लीन चिट

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शिमला, मार्च 12 – कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर को आपराधिक मामले में क्लीन चिट देते हुए हिमाचल हाई कोर्ट न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने रामलाल ठाकुर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया है। साथ ही अदालत ने प्राथमिकी दर्ज होने से जुड़ी आगामी आपराधिक कार्यवाही को भी निरस्त किया है। रामलाल पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने शिमला के मॉल रोड पर भीड़ जमा कर धारा 143 और 188 का उल्लंघन किया है। 26 अक्तूबर 2018 को उन्होंने शिमला के सीटीओ के पास 200-300 लोगों के साथ धरना किया था। केंद्र और तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी।

बता दे याचिकाकर्ता ने उनके खिलाफ सदर थाना शिमला में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार लगाते हुए अदालत को बताया गया कि प्राथमिकी दर्ज होने के समय वे श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। 13 नवंबर 2018 को याचिकाकर्ता और अन्य को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया था और जमानत पर रिहा किया गया था। मामले की जांच पूरी होने पर पुलिस ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिमला की अदालत में चालान पेश किया। याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के विपरीत है। भारतीय दंड संहिता की धारा 143 और 188 तब तक दंडनीय नहीं है जब तक कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के प्रावधानों पर अमल न किया गया हो।

अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन पर पाया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ लिया गया संज्ञान दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। अदालत ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 188 की कार्रवाई बिना लिखित शिकायत के नहीं हो सकती है। अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए सिर्फ प्राथमिकी को ही आधार माना गया है, जोकि कानूनन गलत है।

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