संस्कृत महाविद्यालय फागली की मांगों को पूरा करेगी सरकार- विक्रमादित्य
कॉलेज की वार्षिक पारितोषिक वितरण कार्यक्रम में मंत्री ने कहा
घंडल में संस्कृत अकादमी खोलने के लिए प्रयास किए जाएंगे तेज
शिमला, 18 मार्च
प्रदेश लोक निर्माण, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि संस्कृत महाविद्यालय फागली की मांगों को पूरा करने के लिए सरकार प्रयासरत रहेगी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में सुरक्षा दिवार लगाने के लिए लोक निर्माण विभाग को उचित दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके अलावा स्नातकोत्तर कक्षाएं चलाने के लिए शिक्षा विभाग से मामला उठाया जाएगा। उन्होंने शनिवार को संस्थान में आयोजित वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने ये बात कही। उन्होंने शिमला के साथ लगते घंडल में संस्कृत अकदामी के निर्माण के लिए भी सरकार के यथासंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
उन्होंने कॉलेज के गौरवमयी इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कॉलेज संस्कृत भाषा के गौरव को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका लगातार निभा रहा है। उन्होंने कहा कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद संस्थान ने अपनी अलग पहचान बनाई है। कॉलेज के नए भवन की नींव उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने रखी है जिसके परिणामस्वरूप छात्र आज एक अत्याधुनिक भवन में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कॉलेज के सभागार को बनाने के लिए हर संभव सहयोग दने की बात भी कही।
कार्यक्रम आयोजन के लिए मंत्री ने 25 हजार रुपए की सहयोग राशि देने की भी घोषणा की। संस्थान की ओर से प्राचार्य मुकेश शर्मा और अन्य प्राचार्य ने मुख्य अतिथित एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत एव सम्मान किया। इस दौरान संस्कृत के विद्वानों को भी सम्मानित किया गया। प्राचार्य मुकेश शर्मा ने कॉलेज की गतिविधियों और मांगों को मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया। छात्रों की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्याक्रम आयोजित किए गए। छात्रों द्वारा पेश किए गए नाटक भारत विजयम की सभी ने सराहना की। मुख्य अतिथि ने डॉ.मनोहर लाल शर्मा, और शुभम दिक्षित द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन भी किया। विभिन्न परिक्षाओं और कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को इस दौरान पुरस्कार वितरित किए गए।
कार्यक्रम में शिमला (शहरी) विधायक हरीश जनारथा, कॉलेज के प्राचार्य मुकेश शर्मा के अलावा प्रो. केशव राम शर्मा, डॉ. मनोहर लाल आर्य, डॉ. रामानंद शर्मा, डॉ. मस्त राम शर्मा, आचार्य ओम प्रकाश राही, आचार्य विनोद शर्मा सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रभारी, अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।