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प्रदेश विश्वविद्यालय में एससीए चुनाव करवाने के लिए संभावनाएं तलाशेगी सरकार: मुख्यमंत्री

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विश्वविद्यालय एलुमनी के मैत्री कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के पूर्व विद्यार्थियों (डेकाडल चैप्टर ऑफ 90’े) के दो दिवसीय ‘मैत्री’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने ‘मैत्री’ के इंटरनेशनल चैप्टर का भी शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के साथ ही उन्हें बाहरी राज्यों से आने वाले विद्यार्थियों की संस्कृृति को समझने का अवसर भी मिला। उन्होंने कहा कि अनुभव से परिपक्वता और जीवन में आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में रहकर ही राजनीतिक संघर्ष सीखा है। विश्वविद्यालय में बिताए लम्हों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी कई अविस्मरणीय स्मृतियों को भी साझा किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश विश्वविद्यालय में एससीए चुनाव करवाने की संभावनाएं तलाशेगी क्योंकि ये चुनाव विद्यार्थियों को समाज सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को लोभ और मोह से बचना चाहिए और समाज की निस्वार्थ सेवा करने की भावना आत्मसात करनी चाहिए।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। राज्य सरकार शिक्षा में सुधार के लिए भी कई अहम कदम उठा रही है। पहली कक्षा से ही सरकारी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम पढ़ाई शुरू कर दी गई है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाए जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों से भी जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा में बदलाव लाने जा रही है, ताकि नई तकनीक पर आधारित नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों का सदुपयोग सुनिश्चित कर प्रदेश को देश का सबसे सम्पन्न राज्य बनाना चाहती है। प्रदेश की आय बढ़ाने के लिए कई क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है और वर्तमान सरकार वर्ष 2032 तक राज्य को सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है और 27 वर्ष तक उनकी शिक्षा और देख-रेख का दायित्व अब राज्य सरकार का है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित युवाओं का डाटा तैयार किया जा रहा है। जिला सोलन में कण्डाघाट क्षेत्र के टिक्करी में लगभग 300 दिव्यांगजनांे को शिक्षा प्रदान करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने एलुमनी एसोसिएशन के भवन के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए देने की घोषणा भी की।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया। उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार संजीव शर्मा की पुस्तक ‘जूनी’ पुस्तक का विमोचन किया जिसमें एक प्रेम कहानी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों का विशिष्ट रूप से उल्लेख किया गया है।
मुख्यमंत्री ने जेपी शेखपुरा की ‘मैं और मेरी एचपी यूनिवर्सिटी’ और ‘यादें बुरांस की’ पुस्तक का विमोचन भी किया। यादें बुरांस की पुस्तक में 450 लेखकों ने अपना योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सक्षम चार विद्यार्थियों को एलुमनी का आजीवन फ्री मेम्बरशिप सर्टिफिकेट भी प्रदान किया।
विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने छात्र जीवन के दिनों को याद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू विश्वविद्यालय के उनके पुराने साथी हैं। उस समय विश्वविद्यालय का माहौल बहुत अच्छा था और सभी एक-दूसरे की सहायता करते थे। विश्वविद्यालय में आनेवाले छात्रों को हर संभव मदद प्रदान की जाती थी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लगभग 25 छात्र नेता वर्तमान हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में तीन विचारधाराओं का संगम होता है और यह संघर्ष की भूमि है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा सहित हजारों पूर्व विद्यार्थियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
इससे पूर्व, एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. चंद्रमोहन परशीरा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि एसोसिएशन जिला शिमला के नेरी क्षेत्र को गोद लेकर उसमें अधोसंरचना विकास करेगी।

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