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बिलासपुर में स्थित नर्सिंग संस्थान में प्रशिक्षु छात्रा के साथ रैगिंग का मामला, गंभीरता से जांच करे सरकार : भाजपा

• हिमाचल के सभी शिक्षा संस्थानों में रैगिंग को लेकर एक निगरानी समिति का गठन करना चाहिए

बिलासपुर, भाजपा विधायक त्रिलोक और प्रवक्ता मोहिंद्र धर्माणी ने कहा की क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में स्थित नर्सिंग संस्थान में प्रशिक्षु छात्रा के साथ रैगिंग का मामला सामने आया है। सीनियर की प्रताड़ना से परेशान होकर इस प्रशिक्षु छात्रा ने आत्महत्या का भी प्रयास किया। पीड़िता ने अपनी तीन सीनियर प्रशिक्षुओं पर ही रैगिंग के आरोप लगाए हैं। पुलिस प्रशासन के अलावा इस गंभीर मसले को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित एंटी रैगिंग कमेटी भी इस पूरे मसले को लेकर जांच में जुटी हुई है।

भाजपा नेता ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर मामला है और इसको लेकर गंभीरता से जांच करनी चाहिए। हिमाचल प्रदेश शिक्षक क्षेत्र के लिए जाना जाता है और अगर इस प्रकार की घटनाएं शिक्षक क्षेत्र में होती रही तो आने वाले समय में शिक्षा क्षेत्र जुड़े संस्थान संशय के गहरे में आ जाएंगे।
रैगिंग जैसे मामले समाज के लिए अच्छे नहीं है और भाजपा ने अपनी सरकार के समय पर रैगिंग पर बैन लगाया था। हिमाचल के सभी शिक्षा संस्थानों में रैगिंग को लेकर एक निगरानी समिति का गठन करना चाहिए और इनको गंभीरता से अपना कार्य करना चाहिए।

उन्होंने बताया की अपनी बेटी के साथ हुए इस तरह के मामले को लेकर परिजनों ने भी रोष जताया है। जानकारी के अनुसार नर्सिंग इंस्टिच्यूट बिलासपुर में जीएनएम का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही शाहतलाई क्षेत्र की एक छात्रा की गत गुरुवार शाम को अचानक ही तबीयत बिगड़ गई। उसे तुरंत क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में पहुंचाया गया। वहीं, अस्पताल प्रशासन की ओर से पुलिस को इस बारे में सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और आगामी कार्रवाई की। पुलिस को दिए बयान में पीड़िता और परिजनों ने आरोप लगाया कि कुछ सीनियर छात्राओं की ओर से लंबे समय से रैगिंग करके उसे प्रताड़ित किया जा रहा था । सीनियर्स उससे अपने पर्सनल कार्य करवा रही थीं। पीड़िता का कहना है कि सीनियर द्वारा कभी बर्गर लाने के लिए भेजा जाता था, तो कभी जबरदस्ती ड्यूटी लगाई जाती थी। यहां तक कि कई बार तो जबरदतसे बर्तन भी साफ करवाए जाते थे । इसके अलावा अन्य तरीकों से भी प्रताड़ित किया जा रहा था। हालांकि उसने विरोध भी किया, लेकिन उनकी मनमानी खत्म नहीं हुई। उसने अपनी समस्या संस्थान प्रबंधन के समक्ष भी रखी, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। बाकायदा परिजनों द्वारा आठ अगस्त को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी इस मसले के लेकर अवगत करवाया, लेकिन फिर भी गंभीरता नहीं दिखाई गई । जब उसे कोई और उपाय नहीं सूझा, तो तंग आकर एंटिबायोटिक की 11 गोलियां एक साथ खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। फिलहाल पीड़िता की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है ।
एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा जहां पीड़ित छात्रा के बयान रिकार्ड किए गए हैं, वहीं, संस्थान के अन्य स्टाफ सदस्यों के बयान भी दर्ज किए हैं। नर्सिंग संस्थान की एंटी रैगिंग कमेटी की ओर से इस मसले को लेकर गंभीरता दिखाते हुए बयान रिकार्ड किए। जल्द ही इस मसले की पूरी रिपोर्ट तैयार कर सीएमओ बिलासपुर को सौंपी जाएगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि सोमवार तक यह पूरी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों के पास पहुंच जाएंगी। इसके बाद आगामी प्रकिया अपनाई जाएगी।

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