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कानूनी सेवा केन्द्र में ले निःशुल्क कानूनी परामर्श – तरलोक सिंह चौहान

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बिलासपुर 10 अक्तूबर – राष्ट्रीय सेवा विधिक प्राधिकरण के तत्वाधान में आजादी के 75वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत पेन इंडिया अवेरनेस एण्ड आउटरीच अभियान का आयोजन आज जिला परिषद सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय न्यायमूर्ति तरलोक सिंह  चौहान   न्यायाधीश हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर स्थापित कानूनी सेवा केन्द्रों  में लोगों को निःशुल्क विधिक परामर्श प्रदान किया जा रहा है जिसकी लोगों को अधिक से अधिक जानकारी दी जानी चाहिए ताकि लोग इस सेवा का लाभ उठा सके।

उन्होंने कानूनी जागरूकता कार्यक्रम में आए सभी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षक, सीडीपीओ, पीएलबी और आगंनवाडी कार्यकर्ताओं से कानूनी प्रक्रिया को आम जन तक पहुंचाने के लिए विचार-विमर्श किया। उन्होंने कानूनी प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए तथा अधिक सुधार लाने के लिए फिडबैक प्राप्त की।
उन्होंने कहा कि न्याय सबके लिए है, इसके लिए न कोई अपना है न बेगाना है, न छोटा है और न बड़ा। न्यायालय लोगों को न्याय प्रदान करने के लिए हमेशा प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि आर्थिक दृष्टि से गरीब, पिछडे और कमजोर वर्ग खासकर महिलाएं असाहय, बच्चे, बूढ़े माता-पिता जिनका कोई अपना भरण-पोषण का सहारा नहीं है इन सभी को कानूनी अधिकारों से अवगत करवाने या वे अपने विधिक अधिकारों का प्रयोग करने में असर्थम है ऐसे व्यक्तियो को निःशुल्क कानूनी सहायता, कानूनी सलाह और कानूनी शिक्षा प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण प्रयासरत है। प्राधिकरण द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते लोक अदालतों में थोडा विराम तो लगा था परंतु अब लोक अदालतों को पुनः शुरू कर दिया गया है जिससे मुकादमों का बोझ कम करने में बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि 11 दिसम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन राष्ट्र स्तर पर किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त विवादों को निपटाने के लिए मध्यस्थता मुकदमेबाजी की तुलना में कहीं अधिक संतोषजनक तरीका है। मध्यस्थता के माध्यम से निपटाए गए मामलो में अपिल और पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं होती है और सभी विवाद पूरी तरह निपट जाते है। इस समय हिमाचल प्रदेश में 12 मध्यस्थता केन्द्र कार्य कर रहे है।

इस मौके पर माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकारण बिलासपुर श्री देवेन्द्र कुमार ने मुख्यातिथि को टोपी और स्मृति चिन्ह् भेंट कर अपने सम्बोधन में सबका स्वागत करते हुए आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित पेन इंडिया अवेरनेस एण्ड आॅउटरीच कार्यक्रम की रुपरेखा रखी। उन्होंने कहा कि यह अभियान 2 अक्तूबर से 14 नवम्बर तक चलाया जा रहा है और इसके तहत अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।

इस कार्यक्रम में माननीय सीनियर सिविल जज एवं मुख्य न्याय दण्डाधिकारी बिलासपुर गौरव महाजन ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी का धन्यावाद किया।

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