कूड़ा पृथकीकरण कूड़ा निष्पादन का सबसे महत्वपूर्ण कदम – पंकज राय
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‘खेल-खेल में स्वच्छता का पाठ कार्यक्रम‘ पर वेबीनार आयोजित
बिलासपुर 31 जनवरी:- उपायुक्त पंकज राय ने आज वर्चुअल माध्यम से जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान तथा स्कूलों के प्रधानाचार्य, अध्यापकों व 20 चयनित स्कूलों के बच्चों के साथ ‘खेल-खेल में स्वच्छता का पाठ’ कार्यक्रम पर वेबीनार आयोजित किया गया।
बच्चों को सम्बोधित करते हुए उपायुक्त पंकज राय ने कहा कि सूखा, गिला, रसायनिक कचरा अलग-अलग करना कूड़ा के निपटान का सबसे महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि गिला कूडे व सूखे कूडे के निष्पादन करने के तरीके अलग-अलग है जिसकी जानकारी सभी को होना अनिवार्य है। सभी बच्चें अपने स्कूल और घर में कूड़ा पृथक करने के कदम को अपनाते हुए कूड़ा निष्पादन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
उन्होंने सभी अध्यापकों और प्रधानाचार्यों को आहवान किया कि वे छात्रों को इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें प्लास्टिक बोतलों से खिलौने व अन्य सजावट की सामग्री तैयार करना सिखाए। उन्हें तरल व ठोस कचरा को अलग-अलग करने के प्रति जागरूक करते हुए छात्रों को तरल कूडा जैसे मूंगफली, केले का छिलका व सब्जियों का कूडा और सूखा कूड़ा जैसे टाॅफी व चिप्स का कागज को पृथक करने के तरीके भी सिखाएं।
वेबीनार के दौरान भगेड़, घुमारवीं, कोटला, बरठीं, कन्या पाठशाला घुमारवीं, रौड़ा, हटवाड़ आदि स्कूलों के बच्चों ने कूड़े के निष्पादन के लिए स्कूलों में अपनाई जा रही विभिन्न गतिविधियों तथा स्कूलों में किए जा रहे काम के बारे में बताया। उन्होंने 15 अगस्त, 2021 से आरम्भ ‘खेल-खेल में स्वच्छता का पाठ कार्यक्रम’ के दौरान कूड़े-कचरे, पूराने खिलौने, साइकिल, पैन आदि से बनाए गई विभिन्न चीजों को भी प्रदर्शित किया। बच्चों ने बताया कि कार्यक्रम आरम्भ होने के बाद कूड़े-कचरे से कई चीजें बनाई गई है तथा प्लास्टिक कूडे को जलाना भी कम कर दिया गया है।
उपायुक्त ने उक्त कार्यक्रम के बारे में बच्चों की उत्सुकता तथा प्रतिक्रिया पर खुशी व्यक्त की।
उपायुक्त ने बताया कि 20 स्कूलों में आरम्भ में परीक्षण के आधार पर पहले स्लोगन व पेटिंग के माध्यम से विभिन्न प्रकार के कूड़े को प्रदर्शित किया जाएगा ताकि बच्चें अलग-अलग प्रकार कूड़े-कचरे को भली-भांति पहचान सके।
उन्होंने कहा कि नलवाड़ मेले के दौरान कूड़े-कचरे से निर्मित विभिन्न माॅडल की प्रदर्शनी लगाई जाएगी तथा 2 अक्तूबर को वर्ष भर की विभिन्न गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने अच्छे स्कूलों व बच्चों के कार्यों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि अध्यापक जिला में कूड़ा फैंकने के हाॅट-स्पाॅट को साफ सुथरा रखने के लिए छात्रों और अभिभावकों का सहयोग लें ताकि जिला को स्वच्छ बनाया जा सके।
उन्होंने बताया कि कचरे की समस्या से सामाजिक परवेश को साफ-सुथरा रखते हुए आने वाली पीढ़ियों के जीवन को स्वस्थ बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को सिखाएं की वे अपने आस-पास के स्थानों को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए अपने अभिभावकों के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करें।
वेबीनार के दौरान एडीसी तोरूल रवीश, हिमाचल प्रशासनिक सेवा परीवीक्षार्थी ओशिन शर्मा, डाईट के प्रधानाचार्य सहित विभिन्न स्कूलों के अध्यापक व बच्चें जुडे़।