किसानों के लिए अर्थव्यवस्था में व्यापक लाभ हेतु बनेंगे एफपीओ: डीसी
1 min readऊना, 22 मार्च: किसानों के लिए अर्थव्यवस्था में व्यापक लाभ को सुनिश्चित करने हेतु तथा आर्थिक रूप से सुदृढ़ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला के प्रत्येक विकास खण्ड में कृषक उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे। यह बात आज उपायुक्त राघव शर्मा ने कृषक उत्पादक संगठन व कृषि आधारभूत निधि योजना के तहत आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने बताया कि कृषक उत्पादक संगठन यानि एफपीओ के लिए हरोली विकास खण्ड की आलू, अंब विकास खण्ड की मक्का, सब्जियां, नींबू प्रजाति के फल, ऊना के लिए आलू, अमरूद व सब्जियां, बंगाणा के लिए अदरक, हल्दी व सब्जियां तथा गगरेट विकास खंड के लिए मक्का व आलू की फसल को अनुमोदित किया गया है। इन फसलों को उगाने वाले किसानों का एक संगठन बनाया जाएगा। जिन्हें न सिर्फ अपनी उपज के लिए बाजार मिलेगा, बल्कि खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरणों आदि खरीदना सस्ता व आसान होगा।
उपायुक्त ने बताया कि कृषि आधारभूत निधि के अन्तर्गत भी किसानों को गोदाम, कोल्ड स्टोर, वैक्सिंग प्लांट, ग्रेडिंग इत्यादि इकाइयों को स्थापित करने के लिए 3 प्रतिशत कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाने का प्रावधान है।
नाबार्ड जिला विकास प्रबंधक अरूण कुमार ने योजनओं बारे विस्तृत जानकारी दी।
लघु व सीमांत किसानों को ज्यादा फायदा
उपायुक्त ने बताया कि छोटे और सीमांत किसानों के पास मूल्य संवर्द्धन, उत्पादन तकनीक, विपणन आदि के लिए अच्छे विकल्प नहीं होते हैं। एफपीओ के गठन से किसान सामूहिक रूप से अधिक सुदृढ़ होने के साथ-साथ अधिक आय अर्जित करने लिए बेहतर विपणन एवं गुणवत्तायुक्त उत्पाद और प्रौद्योगिकी तक पहुंच बनाने में सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि एफपीओ लगभग 300 किसानों का एक समूह होगा, जो कृषि सम्बद्ध उत्पदान कार्यों में लगा हो और कृषि से जुड़ी व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करता हो। यह समूह पंजीकृत होगा।
ये रहे उपस्थित
बैठक में एडीसी डाॅ अमित कुमार शर्मा, डीएफओ मृत्युंजय माधव, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र अंशुल धीमान, उपनिदेशक एग्रीकल्चर संतोष शर्मा, सहायक निदेशक पशुपालन डाॅ सुरेश धीमान, विषयवाद विशेषज्ञ बागवानी एसएस चंदेल, वरिष्ट मत्स्य अधिकारी विवेक शर्मा, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।