बिजली बोर्ड ने जलशक्ति विभाग को थमाए 10-15 साल पुराने रिकवरी के नोटिस
1 min read
Image Source Internet
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने राज्य जलशक्ति विभाग को दस से 15 साल पुराने रिकवरी के नोटिस थमाए हैं। बोर्ड ने ऊर्जा आपूर्ति के लिए कम शुल्क लेने की बात की है। कई उप मंडलों से लाखों रुपये की वसूली की गई है। जलशक्ति विभाग के अधिकारी हैरान हैं कि समझ नहीं आ रहा है कि बिजली बोर्ड ने इसमें क्या गणित लगाया है। यह मामला पेयजल और सिंचाई की योजनाओं के लिए बिजली के कनेक्शन देने का है।
वहीं, जलशक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता संजीव कौल ने बताया कि कई बार ऑडिट और अन्य कारणों से इस तरह के रिकवरी नोटिस आते हैं। देखकर ही बताया जा सकता है कि बिजली बोर्ड इतने साल बाद क्यों ऐसा कर रहा है। वहीं, बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा ने कहा कि मालूम करने के बाद ही वह सही जानकारी दे पाएंगे कि क्यों जलशक्ति विभाग से पुरानी योजनाओं पर शुल्क मांगा जा रहा है। इसमें वक्त लग जाएगा।
उदाहरण के तौर पर हिमाचल प्रदेश सरकार के जल शक्ति विभाग के उप मंडल सैंज में ऐसे कई नोटिस पहुंचे हैं। जैसे उठाऊ पेयजल योजना निवड़ी को बने हुए पंद्रह साल से ज्यादा वक्त हो गया है। इस पर लंबित शुक्ल मांगा गया है। ऐसी कई योजनाओं में किसी स्कीम पर पांच हजार रुपये तो किसी पर 20 हजार रुपये मांगे गए हैं। इस तरह से लाखों रुपये के रिकवरी नोटिस जगह-जगह पर दिए गए हैं। ऐसे में जल शक्ति विभाग के अधिकारी इसमें उलझ गए हैं कि ये किस तरह के रिकवरी नोटिस जारी किए गए हैं। वे पुरानी फाइलें निकाल-निकालकर मंत्रणा कर रहे हैं कि कैसे इन सबका समाधान निकाला जाए।