रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण योजनाएं बनाने में जिला कौशल समिति की कारगर भूमिका: एडीसी
धर्मशाला, 10 फरवरी: अतिरिक्त उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि कांगड़ा जिला में युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण योजनाएं बनाने में जिला कौशल समिति की कारगर भूमिका रहेगी। समिति कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का निर्धारण व मूल्याकंन भी करेगी। इससे युवाओं को जिला या आसपास के क्षेत्र में ही उपयुक्त रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
अतिरिक्त उपायुक्त राहुल कुमार आज बुधवार को धर्मशाला में डीआरडीए के सभागार में आयोजित जिला कौशल समिति की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
एडीसी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने जिला कौशल समिति कांगड़ा का गठन जिला स्तर पर कौशल प्रशिक्षण योजनाएं बनाने के लिए किया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तृतीय संस्करण में जिला कौशल समिति यह तय करेगी कि कांगड़ा जिला में किस क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला कौशल समिति का प्रयास हे कि कांगड़ा जिला में युवाओं की मांग तथा उद्योगों की रोजगार उपलब्धता के अनुसार कौशल प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे जिला के युवाओं को जिला या आसपास के क्षेत्र में ही उपयुक्त रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।
जिला कौशल समिति कांगड़ा की पहली बैठक में समिति ने तय किया कि जिला में कृषि, ऑटोमोटिव, निर्माण कार्य, अवसंरचना उपकरण, प्रचालन तंत्र, रीटेल, टैक्सटाईल्स व हैण्डलूम तथा पर्यटन एवं आतिथ्य इत्यादि के क्षेत्र में प्रदेश कौशल विकास निगम तथा भारत सरकार के कौशल प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण किया जाएगा।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के महाप्रबंधक सन्नी शर्मा ने बैठक का संचालन किया तथा समिति को अवगत करवाया कि जिला कौशल समिति को कांगड़ा जिला में सभी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के निर्धारण, मूल्याकंन का अधिकार दिया गया है।
बैठक में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम(एनएसडीसी) की तरफ से राज्य इंगेजमेंट अधिकारी जितेन्द्र शर्मा ने भी केन्द्र सरकार की कौशल विकास योजनाओ के बारे में समिति को अवगत करवाया।
बैठक में सरकार द्वारा जिला भर में युवाओं की स्किल डेवलपमेंट के लिये चलाये जा रहे रोजगार परक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर समिति के सदस्यों ने अपने बहुमूल्य सुझाव दिये।