समेकित बाल विकास सेवाओं के अंतर्गत जिला स्तरीय अनुश्रवण एवं समीक्षा समिति की बैठक आयोजित
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निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों को शीघ्र नजदीकी प्राथमिक पाठशालाओं में शिफट करना करें सुनिश्चितः- डा. ऋचा वर्मा
स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आंवला कैंडी, सूखे बेर आंगनवाड़ी केन्द्र में नौनिहालों को करवाएं जाएं उपलब्ध
कुल्लू 15 फरवरी- समेकित बाल विकास सेवाओं के अंतर्गत आज जिला स्तरीय अनुश्रवण एवं समीक्षा समिति तथा जिला स्तरीय अंतर्विभागीय समीक्षा समिति की बैठक उपायुुक्त डा. ऋचा वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमें विभिन्न विभागों के सरकारी तथा गैर सरकारी सदस्यों ने भाग लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह जिला में निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों को शीघ्र नजदीकी सरकारी प्राथमिक पाठशालाओं में शिफट करें ताकि उन्हें स्कूल भवन में ही सभी प्रकार की सुविधाएं व बेहतर वातावरण मिल सकें। इसके लिए परियोजना अधिकारी डीआरडीए शिक्षा उपनिदेशक को ऐसे सभी निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूचि उपलब्ध करवाएं।
उन्होंने कहा कि जिला कुल्लू में 1095 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। कोविड-19 महामारी के कारण बच्चों के आंगनवाड़ी केन्द्रों में न आ पाने के कारण लाभार्थियों के अभिभावकों को पूरक पोषाहार कार्यक्रम के तहत टेक होम राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिला में फरवरी, 2021 तक 6 माह से 3 वर्ष तथा 3 वर्ष से 6 वर्ष तक आयु के 29 हजार 128 पंजीकृत लाभार्थी बच्चों तथा 5 हजार 814 गर्भवती व धात्री माताओं को टेम होम राशन उपलब्ध करवाया गया। इसी प्रकार शालापूर्व शिक्षा योजना के तहत भी जिला में हर घर आंगनवाड़ी के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा व्हाटस ऐप एवं गृह भ्रमण के दौरान बच्चों की माताओं एवं अभिभावकों के माध्यम से 8 हजार 145 बच्चों को शालापूर्व गतिविधियां करवाई गईं। बच्चों को टेक होम राशन के साथ अनौपचारिक शिक्षा का अभ्यास करने के लिए वर्क बुक भी वितरित की गई।
बैठक में आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों की नवीनतम स्थिति पर भी चर्चा की गई तथा अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जो आंगनवाड़ी केन्द्र निजी भवनों में चल रहे हैं, उन्हें नजदीकी सरकारी प्राथमिक पाठशाला भवनों में शिफट करना सुेिनश्चित करें ताकि नौ निहालों को बेहतर सुविधाएं तथा वातावरण उपलब्ध हो सके। बैठक में राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण योजना, आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई तथा अधिकारियों को निर्माण कार्य को गति प्रदान कर निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, विधवा पुनर्विवाह, मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना, महिलाओं के उत्थान के लिए स्वरोजगार योजना, बेटी है अनमोल, सशक्त महिला योजनाओं के अंतर्गत किए गए कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। वन स्टाप सैंटर भवन निमाण हेतु भूमि चिन्हित करने को लेकर भी चर्चा की गई। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए दिए कि वे भूमि चयन व विभाग के नाम स्थानांतरण सम्बंधी मामलों को सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ही प्रस्तुत करें ताकि इनके निर्माण में किसी प्रकार का अनावश्यक बिलंव न हो। जिला कुल्लू में कामकाजी महिला हाॅस्टल को एमसी कुल्लू से लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपे जाने बारे भी चर्चा की गई।
बैठक में राष्ट्रीय पोषाहार अभियान के अंतर्गत शून्य से 6 वर्ष आयु के बच्चों के ठिगनेपन को कम करने, पोषण की कमी के कारण वजन की कमी की समस्या में कमी लाने, रक्त की समस्या में कमी लाने तथा 15 से 49 आयु वर्ग की किशोरियों एवं महिलाओं में रक्त की कमी की समस्या को कम करने को लेकर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। अधिकारियों को योजना के तहत दिए गए लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करने को कहा गया ताकि वर्ष, 2022 तक भारत को कुपोषण मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि शरीर में लोह तत्वों की कमी से बच्चों की उचित बढ़ौतरी नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि जिला में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आंवला कैंडी, सूखे बेर का प्रसंस्करण कर आंगनवाड़ी केन्द्र में नौनिहालों को उपलब्ध करवाए जाएं। इससे उन्हें प्रचुर मात्रा में विामिमन सी मिलेगी, उनकी उचित बढ़ौतरी होगी वहीं स्थानीय उत्पाद बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होंगे।