जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मध्यस्थता कर कोर्ट से बाहर सुलझाए 122 मामले
1 min readऊना (13 जून)– समाज के कमजोर वर्गों को निशुल्क कानूनी परामर्श व सहायता प्रदान करने के लिए बनाए गए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊना ने अब तक 122 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया है। ऊना में प्री-लिटिगेशन हेल्पडेस्क की स्थापना 16 अक्तूबर 2019 को हुई थी, जिसके माध्यम से पारिवारिक झगड़ों, घरेलू हिंसा जैसे मामलों को कानूनी दायरे में रहकर मध्यस्थता कर सुलझाया जाता है। कम समय व बिना किसी खर्च में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलए) का एडीआर केंद्र मामलों का निपटारा करता है।
ऐसा ही एक मामला जिला ऊना के पालकवाह का है। पंजाब के गढ़शंकर में विवाहिता एक महिला रानी (बदला हुआ नाम) ससुराल में पारिवारिक समस्याओं के चलते अपने मायके पालकवाह आकर रहने लगी। दो साल गुजरने के बाद उसने वापस ससुराल जाने का फैसला किया और इसके लिए डीएसएलए के प्री-लिटिगेशन के हेल्पडेस्क के पास पास आकर गुहार लगाई। रानी ने कहा कि जो विवाद इतने सालों से चल रहा था, वह मामला सिर्फ तीन घंटे में डीएसएलए आकर सुलझ गया। डीएसएलए सचिव ने बतौर मध्यस्थ एक ही दिन में दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक चार सत्र लगाकर दोनों पक्षों से बात की और मामला सुलझ गया।
जिला के देहलां गांव में गंदे पानी का विवाद भी डीएसएलए आकर ही सुलझा। गांव के इस झगड़े में प्राधिकरण ने पंचायत सहित सभी पक्षों को बुलाकर बात की, जिसके बाद सभी पक्ष गंदे पानी की निकासी के लिए डेढ़ फीट की नाली बनाने को राजी हो गए। यह विवाद लगभग 8 साल से चल रहा था, जिसमें 8 मुकदमे लंबित थे।
मध्यस्थता में सबसे पहले सभी पक्षों को बुलाकर विवाद के हर पहलु को बारीकी के साथ समझा जाता है। फिर विवाद के बिंदुओं को चिन्हित करने के बाद गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास किया जाता है, जिसके बाद अंत में समस्या का स्थाई हल हो जाता है और दोनों पक्ष अपनी मर्जी से समस्या का निपटारा करने के लिए राजी हो जाते हैं। पूरी प्रक्रिया को 60 दिन के भीतर पूरा करने का प्रयास किया जाता है। अधिकतर मसलों का निपटारा इस समय सीमा से पहले ही हो जाता है। डीएसएलए में 13 वकील व एक जज प्रशिक्षित मध्यस्थ हैं, जो विवाद के सौहर्दपूर्ण निपटारे के लिए प्रयास करते हैं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊना के सचिव विवेक खनाल ने बताया कि डीएसएलए विवादों व झगड़ों का निपटारा कानूनी दायरे में रहकर करती है। इससे जहां दोनों पक्षों के धन की बचत होती है, वहीं बहुमूल्य समय भी बचता है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के समय में भी 2 नवंबर 2020 से लेकर 7 मई 2021 तक प्रत्येक कार्य दिवस पर प्री-लिटिगेशन हेल्पडेस्क के वार्ता सत्र आयोजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिला ऊना में डीएलएसए के एडीआर सेंटर में मध्यस्ता के माध्यम से अभी तक 122 मामले सुलझाए गए हैं, जिनमें से 51 मामले कोर्ट जाने से पहले ही निपटा दिया गया। यह डीएसएलए की एक बड़ी उपलब्धि है।