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गुरु तेग बहादुर के जीवन, दर्शन और शहादत पर विद्वानों द्वारा चर्चा जारी

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25 सितंबर – भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (एडवांस्ड स्टडी) में गुरू तेग बहादुर के जीवन, दर्शन तथा शहादत के बारे में विद्वानों द्वारा गहन चर्चा की जा रही है। संस्थान में चल रही इस त्रि-दिवसीस राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन का प्रातःकालीन सत्र डा. जतिन्द्रर सिंह तथा उनके सहयोगियों द्वारा प्रस्तुत गुरुवाणी के साथ हुआ। इस सत्र की अध्यक्षता पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला के डा. बलकार सिंह ने की। इस सत्र में सिख नेशनल कालेज बंगा के डा. हरपाल सिंह ने आत्मा की अवधारणा तथा मुगलकाल तथा गुरूकाल की समांतरता पर अपने विचार प्रकट किए। राजकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, चण्डीगढ़ की डा. रंजू बाला ने ‘गुरु तेग बहादुर जी दी वाणी अते मनुखी मन’ विषय पर अपनी प्रस्तुति दी जिसमें उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर बचपन से ही गंभीर तथा वैराग स्वभाव के मालिक थे तथा मनुष्य के मन की स्थिति, उसे प्रभावित करने वाले तत्वों तथा मन को काबू करने के लिए उन्होंने एक मौलिक तथा नवीन दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। डा. जगदीश ने अपनी प्रस्तुति ’हिन्द दी चादर’ विषय पर अपने विचार प्रकट किए जिसमें उन्होंने शब्द-दर्शन के महत्व पर प्रकाश डाला। संत बाबा भाग सिंह विश्वविद्यालय, जालंधर के डा. अमरजीत सिंह ने सिस्को वेबैक्स के माध्यम से गुरु तेग बहादुर की वाणी में वैराग रहस्य को लेकर अपने विचार प्रस्तुत किए। डा. सुखदेव सिंह मिन्हास ने अपने व्याख्यान में कहा कि हम गुरु तेग बहादुर तरह बहादुर बने और उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में त्याग, वैराग और अनुराग की भावना पैदा करें तभी जीने की कला आ सकती है।

सायंकालीन सत्रों की अध्यक्षता खालसा कालेज अमृतसर, पंजाबी विभाग के प्रमुख डा. आत्म रंधावा तथा दिल्ली विश्वविद्यालय, पंजाबी विभाग के अध्यक्ष डा. रवि रवीन्द्र ने की। इस सत्र में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के डा. मनजिन्द्र सिंह, डा. परमजीत सिंह ढिंगरा तथा सिस्को वेबैक्स से प्रोफेसर बूटा सिंह बराड़ व डा. गुरमीत सिंह ने अपने शोधपत्र पढ़े।

इस अवसर पर प्रोफेसर बलकार सिंह की पुस्तक ‘अकाल तख़्त साहिब: अवधारणा और अनुप्रयोग’, प्रोफेसर राजिन्द्र पाल सिंह ’जोश’ द्वारा संपादित पुस्तक ‘साहिब-ए-किताब गुरु तेग बहादुर’ तथा संस्थान की अध्येता डा. सुमित की पुस्तक ‘लाडी रानी राणावतजी एवं उनका व्यक्तित्व’ का भी लोकार्पण किया गया है।

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