Himachal Tonite

Go Beyond News

विरोध के बावजूद अदाणी के पास सेब बेचने पहुंच रहे बागवान

1 min read

कार्टन का खर्च बचने के साथ समय पर हो रही अदायगी

कंपनी ने दो बार कम किया है सेब का दाम

शिमला: अदाणी एग्रो फ्रेश लिमिटेड कंपनी ने एक माह में सेब के दाम में दो बार कटौती की है। बावजूद इसके शिमला जिला के बागवान मंडियों से अधिक अदाणी के खरीद केंद्रों में सेब बेच रहे हैं। इसका कारण समय पर पैसे मिलना और कार्टन पर होने वाले खर्च से बचना है।

सेब की 20 किलो पेटी पर करीब 180 रूपए खर्च आता है। अदाणी क्रेट में सेब खरीदता है, इसलिए यह खर्च बच जाता है। मंडियों में समय पर बागवानों को सेब के पैसे नहीं मिलते, जबकि अदाणी कंपनी पैसे देने की पूरी गारंटी देती है। पहली सितंबर से अदाणी के खरीद केंद्रों पर एक्स्ट्रा लार्ज सेब 48, एक्स्ट्रा एक्स्ट्रा स्माल 56 और बहुत ही छोटा सेब 48 रूपए प्रति किलो खरीदने का निर्णय लिया था। शुरुआत में एक्स्ट्रा लार्ज 52, लार्ज मीडियम स्माल 75, एक्स्ट्रा स्माल 68, एक्स्ट्रा एक्स्ट्रा स्माल सेब 60 रूपए प्रति किलो खरीदा था। इसमें दो बार कटौती की है। शुरुआती दाम के मुकाबले एक्स्ट्रा लार्ज चार रूपए, लार्ज मीडियम स्माल दो, एक्स्ट्रा स्माल दो, एक्स्ट्रा एक्स्ट्रा स्माल चार रूपए प्रति किलो की कटौती की है।

बीच में बंद की थी खरीद

सेब बहुल क्षेत्र सैंज, बिथल और मेंहदली में अदाणी कंपनी ने पिछले सप्ताह सेब की खरीद बंद करने का निर्णय लिया है, जबकि दो दिन पूर्व भी खरीद बंद की थी। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि स्टोर के बाहर सेब ला रहे वाहनों की कतारें लग रही हैं। जो वाहन सेब लेकर आता है, वह दो दिन बाद ही खाली हो पा रहा है। इससे सेब खराब होने का खतरा बना रहता है, इसलिए बीच-बीच में खरीद बंद करनी पड़ती है। 15 अगस्त से सेब खरीद शुरू की थी। बागवान अनिल जस्टा, सुरेंद्र शर्मा, लायक राम चौहान ने कहा कि मंडियों में सेब का दाम निश्चित नहीं है। कभी भी दाम गिर सकता है। पैसे कब मिलेंगे पता नहीं होता। निजी कंपनियों के पास सेब बेचने से एक तो कार्टन का खर्च बच रहा है, दूसरा पैसे समय पर मिल जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *