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एसएफआई द्वारा योजना अग्निपथ के विरोध में धरना प्रदर्शन

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आज एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विश्वविद्यालय के पिंक पेटल चोक पर सेना में भर्ती सम्बन्धी योजना अग्निपथ के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया। अभी हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा सेना सम्बन्धी योजना “अग्निपथ” लाई गई है जिसमें सेना में अग्निवीर नाम से चार साल के लिए सैनिक भर्ती का प्रावधान है। चार साल बाद कुल अग्निवीर सैनिकों में से केवल 25 प्रतिशत सैनिक ही सेवाएं दे पाएंगे और बाकी के 75 प्रतिशत अग्निवीर सैनिक रिटायर्ड हो जाएंगे। एसएफ़आई विश्विद्यालय इकाई सचिवालय सदस्य कॉमरेड भानु ने धरने का संचालन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाई गई सैनिक भर्ती योजना “अग्निपथ” देश के युवाओं के साथ एक धोखा है। कॉमरेड भानु ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह योजना भरी जवानी में भूतपूर्व बनाने की अभूतपूर्व योजना है। चार साल सेवा देने के बाद अग्निवीर सैनिक किस प्रकार से इस कठोर प्रतियोगिता भरे संसार मे अपनी आजीविका चला पाएगा।
धरने प्रदर्शन में बात रखते हुए एसएफ़आई विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष कॉमरेड रॉकी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले दो वर्षों से नियमित सैन्य भर्ती नहीं करवाई है। जिसके चलते 2021 तक भारतीय सेना में 104,653 कर्मियों की कमी थी। इन पदों को भरने की बजाए केंद्र सरकार ने अब क्षेत्रीय कोटा को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया है, और 6 महीने की प्रशिक्षण अवधि सहित चार साल की अल्प-अवधि की भर्ती योजना के साथ जाने का फैसला किया है। चार साल बाद लगभग तीन-चौथाई सैनिक बिना पेंशन सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस नीति के परिणामस्वरूप हर साल अन्य काम की तलाश में लगभग 35,000 बेरोजगार और शामिल होंगे, जिससे समय के साथ समाज का सैन्यीकरण होगा। यह नीति हमारी संप्रभुता की रक्षा करने वाले सुरक्षा बलों के मनोबल और व्यावसायिकता को भी काफी प्रभावित करेगी। सशस्त्र बलों ने हर साल लाखों युवाओं के लिए सुरक्षित और दीर्घकालिक रोजगार के स्रोत भी प्रदान किए है। यह नीति इस संभावना को भी खत्म कर लेंगी ।यह नीति केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले नव-उदारवादी रास्ते के तहत हर संभव कार्य का संविदाकरण करने की योजना में शामिल है। इस नीति के परिणाम स्वरूप देश में कामकाजी लोगों की नौकरी की सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता का पूर्ण विनाश होना निश्चीत है। इस नीति के माध्यम से सरकार ने दुनिया की साम्राज्यवादी ताकतों द्वारा प्रशिक्षित और बेरोजगार सैनिकों की भाड़े पर भर्ती के दरवाजे भी खोल दिए हैं।
विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष कॉमरेड रॉकी ने बताया कि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया भारतीय लोगों और हमारी संप्रभुता पर इन नव-उदारवादी हमलों का पुरजोर विरोध करता है। एसएफआई अग्निपथ योजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने और सशस्त्र बलों में नियमित भर्ती करने की मांग करती है।
एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई ने धरने के माध्यम से सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द अग्निपथ योजना को निरस्त न किया गया तो एसएफआई तमाम छात्र समुदाय को इकठा कर व्यापक आंदोलन करेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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