"ट्रिपल सी" – कल्चर, क्राफ्ट और कूज़ीन को बनाया जाएगा चलो चंबा अभियान का हिस्सा
1 min readसभी कार्यक्रमों, आयोजनों और गतिविधियों में डिस्प्ले किया जाएगा स्वर्णिम हिमाचल का प्रतीक चिन्ह (लोगो)- उपायुक्त
सभी विभागों के तय हुए गोल्डन गोल्स (लक्ष्य), स्वर्ण जयंती वर्ष में पूरे करने होंगे लक्ष्य
स्वर्णिम रथ यात्रा के खंड और जिला स्तर पर होंगे समापन कार्यक्रम
चंबा, 28 जनवरी– स्वर्णिम हिमाचल के बैनर तले होने वाले सभी कार्यक्रमों, आयोजनों और गतिविधियों में स्वर्णिम हिमाचल प्रतीक चिन्ह (लोगो) का प्रमुखता के साथ डिस्प्ले किया जाएगा। उपायुक्त डीसी राणा ने आज उपायुक्त कार्यालय सभागार में स्वर्णिम हिमाचल के एक्शन प्लान पर चर्चा को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इसके अलावा विभाग अपने कार्यालय भवनों, पत्राचार और प्रचार- प्रसार के लिए तैयार की जाने वाली सामग्री में भी स्वर्णिम हिमाचल लोगो का निश्चित तौर पर डिस्प्ले सुनिश्चित करें।
बैठक के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा तय किए जाने वाले गोल्डन गोल्स (लक्ष्यों) को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। उपायुक्त ने विभागीय अधिकारियों को कहा कि वे तय किए गए इन लक्ष्यों को इस स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान हासिल करेंगे। जिले में चल रही बड़ी योजनाओं में भी इस एक वर्ष के भीतर पूरा करने के लिए लक्ष्य तय होंगे।
स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल कॉलेज भवन के एक ब्लॉक के कार्य को पूरा करने, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रसूति गृह में गुणात्मक सुधार, सहारा योजना के तहत और पात्र व्यक्तियों को शामिल करने, प्रतिकूल लिंगानुपात को सुधारने के अलावा हिम केयर कार्ड योजना के तहत अधिकाधिक व्यक्तियों को शामिल करने के लक्ष्य रहेंगे। वन विभाग के गोल्डन गोल्स में विख्यात पर्यटन स्थल खजियार स्थित झील की गाद की सफाई के कार्य को पूरा करना, कालाटॉप क्षेत्र में वॉच टावर की स्थापना और कुगती वन्य प्राणी शरण स्थल में मौजूद भूरे भालू को पर्यटकों के लिए आकर्षण के तौर पर जोड़ना शामिल रहेंगे।
उद्योग विभाग जिला में खिलौनों के निर्माण, खड्डी (पारम्परिक हथकरघा) और फूड प्रोसेसिंग के लिए दस्तकारों और उद्यमियों के क्लस्टर निर्माण से लेकर यूनिट निर्माण व प्रशिक्षण केंद्र के लिए भूमि का चयन और इसके लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करके सरकार से मंजूरी हासिल करना इस वर्ष के लिए अपना प्रमुख लक्ष्य रखेगा। आयुर्वेद विभाग जहां अपने 11 स्वास्थ्य संस्थानों को वैलनेस सेंटर के तौर पर परिवर्तित करेगा वहीं 10 शिक्षण संस्थानों में हर्बल गार्डन भी तैयार करेगा। उपायुक्त ने जिला आयुर्वेद अधिकारी को कहा कि विभाग चंबा- पठानकोट मार्ग पर तुन्नूहट्टी स्थित स्वास्थ्य संस्थान में पंचकर्म की सुविधा उपलब्ध करने को लेकर भी कार्य करे।
उपायुक्त ने यह भी बताया कि जिला के सभी विकास खंडों में पुस्तकालयों की सुविधा मुहैया की जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यदि शिक्षण संस्थान नियमित तौर पर खुलते हैं तो विद्यार्थियों को आवश्यक तौर पर एक बार चंबा स्थित भूरी सिंह संग्रहालय का भ्रमण करवाया जाए ताकि वे अपने इतिहास, कला, संस्कृति और शिल्प के साथ रूबरू हो सकें।
उपायुक्त ने मत्स्य पालन विभाग के सहायक निदेशक को निर्देश देते हुए कहा कि विभाग इस वर्ष चंबा जिला में मछली आखेट के लिए जगहों के चयन के अलावा मत्स्य आखेट प्रतिस्पर्धा का आयोजन भी करवाए। उपायुक्त ने यह भी कहा कि विभाग सुनिश्चित करे कि चंबा, डलहौजी और खजियार में ट्राउट मछली की उपलब्धता हो।
पशु पालन विभाग को भेड़ अभिजनन फार्म के निर्माण को पूरा करने के साथ आवारा कुत्तों की समस्या के स्थाई समाधान पर फोकस करने के निर्देश दिए। महिला एवं बाल विकास विभाग इस अवधि में जिले में 18 मॉडल आंगनबाड़ियों का निर्माण करेगा जबकि जल शक्ति विभाग हरेक मंडल में पुराने पनिहारों का मौलिक रुप में जीर्णोद्धार अपने गोल्डन गोल में रखेगा। बिजली बोर्ड बिजली के बिल के ऑनलाइन भुगतान को प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्य करेगा। पुलिस विभाग जिले में उपलब्ध सीसीटीवी कैमरों की संख्या को दुगुना करेगा और खाकी वाली सखी योजना को घरेलू हिंसा के मामलों में और ज्यादा प्रभावी बनाएगा। इसी तरह अन्य विभागों द्वारा भी स्वर्ण जयंती वर्ष के लिए गोल्डन गोल्स निर्धारित किए गए हैं।
उपायुक्त ने विभागीय अधिकारियों को कहा कि विभाग द्वारा तय किए गए लक्ष्यों की सूची और जानकारी जिला प्रशासन को जल्द प्रस्तुत की जाए।
उपायुक्त ने कहा कि स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा जो पूरे जिला में होगी, उसका समापन खंड स्तर और जिला स्तर पर किया जाएगा। समापन कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियों के अलावा चंबा के इतिहास और विकास को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी भी लगाई जाएंगी।