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जल्द तैयार करके प्रस्तुत करें अनाथ बच्चों का पूरा ब्यौरा- उपायुक्त

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चंबा, 9 फरवरी– उपायुक्त डीसी राणा ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को कहा कि जिला में जो बच्चे अनाथ हैं उनकी अपडेटेड  सूची तैयार करके जल्द प्रस्तुत की जाए। उपायुक्त ने यह निर्देश आज उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि यह सूची तहसील वार होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के माध्यम से यह शत-प्रतिशत सुनिश्चित बनाया जाए कि भूमि का इंतकाल संबंधित अनाथ बच्चे के पक्ष में समय पर हो ताकि कोई अन्य व्यक्ति उसके हिस्से की भूमि को किसी भी सूरत में बेच ना सकें। उपायुक्त ने यह भी कहा कि जिला में ऐसे बच्चों का ब्यौरा भी तैयार किया जाए जिन्हें मदद या सुरक्षा की नितांत आवश्यकता है।

उपायुक्त ने बताया कि जिले के सभी एसडीएम को भी यह निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने कार्य क्षेत्र के अधीन संचालित बाल- बालिका आश्रमौन का नियमित निरीक्षण करेंगे और निरीक्षण रिपोर्ट उन्हें प्रस्तुत करेंगे। निरीक्षण के दौरान यदि यह पाया जाता है कि किसी आश्रम में उपलब्ध सामान व संसाधन का पूरा और व्यवस्थित रिकॉर्ड नहीं है या रिकॉर्ड के मुताबिक कोई वस्तु मौजूद नहीं है तो इस सूरत में कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

साहू स्थित बाल आश्रम प्रभारी द्वारा आश्रम में रहने वाले बच्चे को आपात स्थिति में जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल को ले जाने के लिए प्रयुक्त वाहन पर किए गए खर्च की एवज में कम राशि मिलने के मुद्दे पर उपायुक्त ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी को कहा कि शेष राशि को रेड क्रॉस से अदा करने संबंधी मामला भेजा जाए ताकि संबंधित प्रभारी को यह राशि स्वयं वहन ना करनी पड़े। चिल्ली में संचालित बालिका आश्रम को अस्थाई तौर पर चंबा स्थानांतरित करने के मामले पर उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि इस दिशा में सबंधित अधिकारी तत्परता के साथ कार्य करते हुए भवन की मरम्मत कार्य को पूरा करवाएं। इसके अलावा तीसा में नई जगह पर बनने वाले बालिका आश्रम भवन का निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर भी प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि तीसा में बालिका आश्रम का अपना भवन जल्द बने और चंबा से बालिकाओं को वापिस भेजा जा सके। उपायुक्त ने कहा कि इस मामले को राष्ट्रीय जल विद्युत निगम के प्रबंधन के साथ भी अविलंब उठाया जाए।

उपायुक्त ने जिले में मौजूद सभी बाल- बालिका आश्रमों में 1098 के अलावा अन्य आवश्यक टेलीफोन नंबर दर्शाए जाने को भी सुनिश्चित बनाने के लिए कहा।

उपायुक्त ने कहा कि समाज में रहने वाले की अनाथ बच्चों को उनके मौलिक अधिकार देने के अलावा उन्हें मुख्यधारा के साथ आगे बढ़ने में हम सब की भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है और इसका पूरी संजीदगी व संवेदनशीलता के साथ निर्वहन करना चाहिए। समाज के धनाढ्य और चैरिटी करने वाले लोगों को भी इन आश्रमों के साथ जोड़ने को लेकर प्रयास किए जाएं। आश्रम में रहने वाले बच्चों के जन्मदिन और त्योहारों के मौके पर भी साधन संपन्न व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए ताकि इन बच्चों की भावनाओं को सम्मान और जुड़ाव मिल पाए।

उपायुक्त ने कहा कि वे व्यक्तिगत तौर पर भी जिले में संचालित सभी बाल- बालिका आश्रमों की समीक्षा करते रहेंगे। उन्होंने आश्रम प्रभारियों को कहा कि वे आश्रम की मूलभूत जरूरतों और उपलब्ध सुविधाओं व संसाधनों की समीक्षा करने के बाद अपनी आवश्यकताओं की सूची तैयार करके प्रस्तुत करें ताकि उनकी पूर्ति के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की जा सके।

उपायुक्त ने आश्रमों में रहने वाले बच्चों के लिए योगा और संगीत की शिक्षा देने की व्यवस्था बनाने के लिए भी कहा।शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा इस तरह की व्यवस्था से भी बच्चों का व्यक्तित्व व मानसिक विकास होगा। बाल आश्रम साहू में रहने वाले बच्चों के लिए ग्यारहवीं और बारहवीं की शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय साहू में ही करने के मुद्दे पर उपायुक्त ने कहा कि इस मामले को विभाग के शिमला स्थित निदेशालय के साथ उठाने को लेकर मसौदा तैयार किया जाए ताकि आने वाले समय में दसवीं के बाद जमा दो तक की शिक्षा वे स्थानीय विद्यालय से ही हासिल कर सकें।

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