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ज़िला में पुष्प उत्पादन और हींग की खेती को दिया जाएगा बढ़ावा- उपायुक्त

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चंबा, सितंबर – ज़िला के  किसानों व  बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए  वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद  (आईएचबीटी) के   हिमालयन जैब संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही विभिन्न  स्थाई आजीविका गतिविधियों के तहत उपायुक्त डीसी राणा ने संस्थान के निदेशक डॉ संजय कुमार के साथ  वीडियो कांफ्रेंस करने के पश्चात आयोजित बैठक के दौरान ज़िला में हींग और पुष्प उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए  संबंधित विभाग को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं  ।

उन्होंने बताया कि जिला में  लगभग 136 हेक्टेयर क्षेत्रफल को  फूलों की खेती के तहत लाया गया है । इसके तहत 400 क्विंटल के करीब जंगली गेंदा के फूलों का बीज किसानों व  बागवानों उपलब्ध करवाया गया है ।

उपायुक्त ने जिला के विभिन्न स्थानों में गेंदा  फूलों के  डिस्टलेशन के लिए स्थापित किए गए 13 विभिन्न यूनिट को  उप निदेशक एवं परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण से निरीक्षण करने को कहा ताकि किसानों को किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े ।

 प्रसिद्ध चंबायली धाम  की पैक्ड बिक्री को लेकर उपायुक्त ने  मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र से इकाई स्थापित करने को लेकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दे भी  दिए ।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जल्द जिला में एक  फूड प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने  को लेकर भी कार्यवाही शुरू की जाए ।

उपायुक्त ने  बताया कि ज़िला में केसर की खेती से किसानों और बागवानों   को जोड़ने के लिए भरमौर, तीसा और सलूणी में  8 क्विंटल 40 किलोग्राम बीज उपलब्ध करवाया गया है । इसके अलावा होली क्षेत्र में 500 के करीब हींग के पौधे भी किसानों  को उपलब्ध करवाए गए हैं ।

 जिले के जनजातीय उपमंडल पांगी में हींग की खेती को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारी ने बैठक में अगवत किया कि हिमालयन जैब संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान से प्राप्त एक हजार हींग के पौधे जल्द पांगी घाटी भेजे जा रहे हैं ।

जिला में लैवंडर की खेती को लेकर विभागीय अधिकारी ने अगवत किया कि उपमंडल चुराह के तहत किसानों का चयन पूरा किया जा चुका है । वर्तमान सीजन के दौरान दस हजार पौधे उपलब्ध करवाने के लिए हिमालयन जैब संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान  को मांग भेजी जा रही है ।

उपायुक्त ने पांगी घाटी के तहत काला जीरा और हेजल नेट की खेती की संभावनाओं के मद्देनजर  को संबंधित विभाग को  उचित कार्रवाई के निर्देश भी दिए ।

उन्होंने  ज़िला में वन- धन योजना के तहत व्यवसायिक खेती की संभावनाओं पर  वन ,कृषि और बागवानी विभाग को हिमालयन जैब संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान से तकनीकी जानकारी से संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं पर कार्य के निर्देश दिए ।

उपायुक्त ने संबंधित विभाग से शहद , बकवीट (फुल्लण) और काला जीरा से संबंधित उत्पादों को जल्द बाजार में उतारने और अखरोट  और थांगी से संबंधित फसलों की व्यवसायिक खेती के लिए भी गतिविधियों को  शुरू करने को कहा ।

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