हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने 787 करोड़ रुपये का बजट किया स्वीकृत
1 min readहिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 947 नए प्राइमरी स्कूल खोलने 97 और स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा देने की तैयारी शुरू हो गई है। मंगलवार को समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने बीते दिनों केंद्र सरकार से प्राप्त हुए 787 करोड़ रुपयों को खर्च करने के प्रस्ताव से शिक्षा मंत्री को अवगत कराया। राज्य सचिवालय में मंगलवार देर शाम तक चली इस बैठक में शिक्षा सचिव राजीव शर्मा भी मौजूद रहे।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने 787 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इस बजट के तहत प्रदेश में 350 नए स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे। 97 और स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा शुरू होगी। 947 नए प्री प्राइमरी स्कूल खोले जाएंगे। विद्यार्थियों की अंग्रेजी सुधारने के लिए भाषा लैब बनाई जाएगी। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने स्मार्ट स्कूलों की संख्या बढ़ाने का मामला केंद्र के समक्ष उठाया था।
परिणामस्वरूप केंद्र ने प्रदेश को 350 और स्मार्ट क्लासरूम देने का फैसला लिया है। प्रदेश में 830 स्मार्ट क्लासरूम बनाने का काम पहले से ही जारी है। स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से प्रदेश के जिन स्कूलों में अगर किसी शिक्षक की कमी है तो वहां के विद्यार्थियों को अन्य स्कूलों से शिक्षक पढ़ा सकेंगे। शिमला में इसके लिए केंद्रीय स्टूडियो बनाया जाएगा। डिजिटल शिक्षण सामग्री भी इस स्टूडियो में तैयार की जाएगी।
रोजगारपूरक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वोकेशनल शिक्षा का दायरा बढ़ाने की भी केंद्र से मांग की गई। केंद्र ने प्रदेश के करीब एक हजार स्कूलों में दी जा रही वोकेशनल शिक्षा का दायरा और बढ़ाते हुए 97 स्कूल और इसमें शामिल कर दिए हैं। निजी स्कूलों का मुकाबले करने के लिए 3840 सरकारी स्कूलों में शुरू की गई नर्सरी-केजी की कक्षाओं को लेकर अभिभावकों का रुझान अधिक देखते हुए हिमाचल को 947 और प्री प्राइमरी स्कूल मिल गए हैं। इसके अलावा स्कूली विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा में निपुण बनाने के लिए नई लैंग्वेज लैब भी खोलने को केंद्र ने हरी झंडी दे दी है।