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बाल रंगमंच महोत्सव 2025 — गेयटी थिएटर में गूंजा सृजन और संस्कार का संगम

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250 बच्चों ने रंगमंच को बनाया आत्म-अभिव्यक्ति का माध्यम, मंचित की गईं 19 मौलिक कहानियाँ

शिमला, 3 अक्टूबर 2025 — ऐतिहासिक गेयटी थिएटर शिमला एक बार फिर साक्षी बना बच्चों की कल्पना, सृजनात्मकता और थिएटर की अभिव्यक्ति का जब बाल रंगमंच महोत्सव 2025 का रंगारंग शुभारंभ हुआ। यह तीन दिवसीय इंटर स्कूल हिंदी नाटक प्रतियोगिता 3 से 5 अक्टूबर तक प्रतिदिन प्रातः 10:30 बजे से अपराह्न 4:00 बजे तक आयोजित की जा रही है।

कीकली ट्रस्ट की पहल: पीढ़ियों को जोड़ने का संकल्प

इस भव्य आयोजन का संचालन कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है, जो बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के बीच एक संवाद की पहल करता है। ट्रस्ट का उद्देश्य है बच्चों को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना, और रंगमंच को माध्यम बनाकर आत्म-अभिव्यक्ति, आत्मविश्वास और सृजनात्मक सोच को प्रोत्साहित करना।

19 लेखक, 19 स्कूल, एक मंच — बाल सृजन का उत्सव

इस वर्ष का आयोजन विशेष है क्योंकि इसमें हिमाचल प्रदेश के 19 प्रतिष्ठित लेखकों की मूल हिंदी कहानियों का मंचन किया जा रहा है। शिमला और आसपास के 19 स्कूलों के लगभग 250 छात्र इन कहानियों को रंगमंच पर प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रत्येक नाटक का निर्देशन संबंधित स्कूल के शिक्षक कर रहे हैं, जिन्हें सहयोग दे रही है हमारी युवा क्रिएटिव डायरेक्टर्स की टीम।

मंचित किए गए नाटकों की सूची (3 अक्टूबर 2025)

11.00–11.30 am – ऑकलैंड हाउस स्कूल; गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय – अकेला
11.30–12.00 pm – ऑकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज़; प्रो. कृष्णा बंसल – अनार का पेड़
12.00–12.30 pm – लक्ष्य पब्लिक स्कूल; पौमिला ठाकुर – गंगा
2.00–2.30 pm – लक्ष्य कॉन्वेंट स्कूल; डॉ. उषा बंदे – करण’स एलीफैंट राइड
2.30–3.00 pm – ईसीआई शैले डे स्कूल; शगुन रनोट – नोबल रिवेंज
3.00–3.30 pm – दुर्गा पब्लिक स्कूल; मनोज कुमार शिव – एहसास
3.30–4.00 pm – आइवी इंटरनेशनल स्कूल; सोनिया डोगरा – चित्रहार

अभिनय मंच पर पहुँचे अभिनेता विनीत कुमार

महोत्सव की गरिमा को बढ़ाने पहुंचे जाने-माने रंगमंच और फिल्म अभिनेता विनीत कुमार, जिन्होंने हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, भोजपुरी, अंग्रेज़ी और हॉलीवुड फिल्मों में अभिनय किया है। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से प्रशिक्षित विनीत कुमार की उपस्थिति विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव रही।

टीमवर्क और मार्गदर्शन की मिसाल

इस महोत्सव की तैयारी महीनों पहले शुरू हो चुकी थी। वरिष्ठ निर्देशकों श्रीनिवास जोशी, जवाहर कौल, भूपेंद्र शर्मा और विवेक मोहन ने शिक्षकों के लिए कार्यशालाएं आयोजित कीं और तकनीकी प्रशिक्षण दिया। वहीं युवा क्रिएटिव डायरेक्टर्स — श्रुति रोहटा, संजीव अरोड़ा, रूपेश भिमटा, नरेश के. मिनचा, नीरज पराशर और हेमंत अत्री — ने विद्यार्थियों को अभिनय, संवाद, मंच सज्जा और भाव-भंगिमा की बारीकियों में निखारा।

निष्पक्ष मूल्यांकन के लिए अनुभवी निर्णायक मंडल

मंचित कहानियों का मूल्यांकन किया जा रहा है थिएटर के अनुभवी जजों द्वारा — अवतार साहनी, अनीता पांडे और सुरेश शर्मा, जो सर्वश्रेष्ठ रूपांतरण, प्रदर्शन, निर्देशन, अभिनेता-अभिनेत्री आदि श्रेणियों में विजेताओं का चयन करेंगे।

आयोजन को सफल बनाने में रहा सामूहिक सहयोग

इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग रहा — भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग, समग्र शिक्षा विभाग, La Himalayas, HimachalTonite (मीडिया पार्टनर), ‘विचलित’ अजय, गेयटी प्रबंधन, और उन गुमनाम दानदाताओं, शिक्षकों व स्कूल प्रबंधन का, जिनके समर्थन से यह महोत्सव नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

कल होंगे आठ और नाटकों का मंचन

महोत्सव के दूसरे दिन (4 अक्टूबर) आठ कहानियों का मंचन किया जाएगा। यह रंगमंच उत्सव सिर्फ नाटकों की प्रतियोगिता नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति, संस्कार, संवाद और समाज से जुड़ाव का उत्सव है।

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