कार्यक्रम के माध्यम से लोगों के बीच बेटियों के प्रति जागरूकता
1 min readशिमला, 16 फरवरी: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को जिला के प्रत्येक खण्ड के दूर-दराज क्षेत्रों में प्रचारित व प्रसारित कर जागरूकता प्रदान करने के लिए जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए कार्य करें। यह जानकारी आज उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने बचत भवन शिमला में जागरूकता शिविर व बालिका पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में दी।
उन्होंने कहा कि इन दूर-दराज क्षेत्रों में जाकर इस योजना के अतिरिक्त विभागीय अन्य योजनाओं के प्रति भी जानकारी व जागरूकता प्रदान की जाएगी ताकि दूर-दराज के इलाकों के लोगों को इन योजनाओं की जानकारी मिल सके तथा वे लाभ प्राप्त कर सके।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच बेटियों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। जिला प्रशासन द्वारा बेटियों को प्रोत्साहित करने व उनके सम्मान में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था, जिसमें से एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम अनन्या था, जिसके परिणामस्वरूप आज जिला शिमला में लिंगानुपात 999.72 प्रतिशत पहुंच चुका है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त कार्यक्रम का उददेश्य शिक्षा, खेल तथा अन्य क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वाली छात्राओं को सम्मानित करना है ताकि आगे चलकर वह बेटियां और अधिक नाम कमाकर समाज में उदाहरण बनकर उभरे, जिससे समाज में बची हुई रूढ़ीवाद सोच को समाप्त किया जा सके ।
इस अवसर पर उपायुक्त ने उपस्थित सभी लोगांे को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शपथ दिलाई तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत हस्ताक्षर अभियान का भी शुभारम्भ किया ।
उपायुक्त ने बताया कि इसी कार्यक्रम के संबंध में आज घरेलु हिंसा, लिंग संवेदीकरण, साईबर अपराध, प्रसव पूर्व लिंग जांच व पोस्को अधिनियम पर आधारित विशेषज्ञों के व्याख्यान का भी आयोजन किया गया है।
लोक प्रशासन विभाग हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से प्रो. ममता मोक्टा ने लिंग संवेदीकरण पर अपने विचार व्यक्त किए, जिसमें उन्होंने समाज में महिलाओं की स्थिति सतत् विकास लक्ष्य, वैश्विक लिंग सूचकांक व दुनिया में महिलाओं की स्थिति पर अपना व्याख्यान रखा।
न्यायधीश विकास गुप्ता व अधिवक्त्ता किरण ने घरेलु हिंसा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर ने पोस्को अधिनियम, जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वास्थ्य डाॅ. महेश जस्वाल व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुरेखा चैपड़ा ने प्रसव पूर्व लिंग जांच के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर बच्चों के यौन शोषण के प्रति जागरूकता पर आधारित कोमल फिल्म का भी वाचन किया गया।
इस अवसर पर उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने शिक्षा के क्षेत्र में बेहत्तर स्थान हासिल करने वाली छात्राओं को प्रशस्ति पत्र, 5 हजार रुपये का चैक व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत मार्च, 2020 में 10वीं कक्षा की 5 छात्राएं शामिल हैं, जिसमें ग्लोरी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से चारवी साप्टा, अराधना पब्लिक स्कूल रोहडू से श्रुति जोग्टा, क्रिसेंट पब्लिक स्कूल टुटू से नेहा शर्मा, सरस्वती विद्या मंदिर सुन्नी से अंजली, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर से शगुन कौशल शामिल है तथा कक्षा 12वीं से पांच छात्राएं, जिसमें राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रामपुर से श्रुति कश्यप, सरस्वती विद्या मंदिर कुमारसैन से सुनिता गौतम, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुग्गर से साक्षी शर्मा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चियोग से सिमरन शर्मा व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला फागली से भावना वर्मा शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त सशक्त महिला योजना के तहत बालिकाओं को उनके बैंक खातों में 5 हजार रुपये की राशि वितरित की गई। मार्च, 2020 में 10वीं कक्षा की 5 छात्राएं शामिल हैं, जिसमें डीएवी पब्लिक स्कूल ठियोग से मनीषा ठाकुर, हिमालयन पब्लिक स्कूल नेरवा से इशिता, ग्लोरिन इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल रोहडू से नाव्या जनारथा, राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नेरवा से पूजा कुमारी व डीएवी पब्लिक स्कूल ठियोग से स्नेहा वर्मा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कक्षा 12वीं की 5 छात्राएं, जिसमें राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर से श्रद्धा चैहान, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मतियाना से ईशा गुप्ता, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दत्तनगर से स्वाति शर्मा, शगुन शर्मा, राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर से अवंतिका शामिल है।