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बिना मंजूरी SEHAB सोसाइटी में रिटायर्ड कर्मचारियों की नियुक्ति

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शिमला 21 मई  Himachal Tonite Bureau 

राजधानी की सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाल रही SEHAB सोसायटी की साधारण बैठक करवाए बिना ही कई फैसले लिए गए।

सोसाइटी की आखिरी बैठक साल 2017 में हुई थी नियम अनुसार साल में एक बार सोसायटी की साधारण सभा बुलाना अनिवार्य है लेकिन भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान अब तक एक भी बैठक नहीं बुलाई है जिसपर सदन में कमलेश मेहता सहित कई पार्षदों ने सोसाइटी की बैठक बुलाई बिना फ़ैसला लेने का मामला उठाया था।

मार्च 2021 में शहद कर्मचारी यूनियन द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जगह पहले से शहर सोसाइटी में कार्यरत कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की प्रार्थना भी की गई जिस पर फिलहाल अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है।

प्रेसिडेंट SEHAB सोसाइटी जसवंत सिंह का कहना है कि कई बार उन्होंने सरकार से मांग की है की सेवानिवृत्त व्यक्तियों की जगह और कर्मचारियों को मौका दिया जाए जो काबिलियत के हिसाब से पद संभालने की क्षमता रखते हैं। उनका कहना है कि अभी तक उनकी बात सर गौर नहीं किया गया है और हर बार उनकी मांगों को टाल दिया जाता है।

SEHAB सोसाइटी में इस वक्त चीफ कोऑर्डिनेटर, कंसलटेंट और सैनिटरी एक्सपर्ट की नियुक्ति की गई है जबकि इस तरह की कोई भी पोस्ट कभी एमसी या सोसाइटी मे थी ही नहीं। एक ओर इन पदों पर नियुक्त रिटायर्ड कर्मचारी है तो दूसरी ओर डोर टू डोर गार्बेज कलेक्टर्स जिनको काबिलियत होने के बावजूद तरक्की करने का मौका नहीं मिल रहा।

ऐसे पदों पर नियुक्ति करना कहीं ना कहीं दर्शाता है कि चहेतों को खुश करने के लिए सरकार द्वारा सारे नियम क़ायदे ताक पर रखे जा रहे हैं।

पूर्व मेयर संजय चौहान कहना है कि इस तरह की नियुक्ति बिल्कुल गलत है। किसी को भी नियुक्त करने से पहले SEHAB जनरल बॉडी मीटिंग में प्रस्ताव देना होता है और उसके अप्रूवल के बाद ही यह फैसला लिया जा सकता है पर दुर्भाग्यपूर्ण 2016 के बाद ऐसी कोई मीटिंग हुई ही नहीं।

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