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पीडित महिलाओं को न्याय व अधिकार दिलाने के लिए सभी हितधारकों को मिलकर कार्य करना होगा- डेजी ठाकुर

नाहन, सितम्बर – पीडित महिलाओं को न्याय व अधिकार दिलाने के लिए सभी  हितधारकों  को मिलकर कार्य करना होगा तभी हम महिलाओं को घर व समाज में सम्मान दिला सकेंगे। यह बात राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर ने  आज जिला परिषद भवन नाहन में धरेलू हिंसा अधिनियम 2005 पर आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए दी।

उन्होने कहा कि महिला आयोग प्रयासरत है कि केवल कार्यालय में बैठकर ही कार्य न हो बल्कि हर जिला में जाकर महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए महिला आयोग न्यायालय लगाए जाएं।

उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा महिलाओं के लिए सखी वन स्टाप सेन्टर कार्यक्रम चलाया जा रहा है वन स्टॉप सेंटर का मतलब है एक ऐसी व्यवस्था, जहां हिंसा से पीड़ित कोई भी महिला को सभी तरह की मदद एक ही छत के नीचे एक साथ पा सकती है। जहां मेडिकल ऐड, लीगल ऐड, अस्थायी रूप से रहने के लिए जगह, केस फाइल करने के लिए मदद, काउंसिलिंग सब कुछ एक ही जगह पर उपलब्ध होती है। इस सेंटर में किसी भी तरह की हिंसा झेल रही महिला, बलात्कार, लैंगिक हिंसा, घरेलू हिंसा, ट्रैफिकिंग, एसिड अटैक विक्टिम, विच हंटिंग, दहेज संबंधित हिंसा, सती, बाल यौन शोषण, बाल विवाह, हत्या जैसे मामलों से पीड़ित कोई भी महिला यहां जा सकती है।

उन्होने कहा कि कोई भी महिला अत्याचार व अहिंसा की अधिकता होने पर बहुत मजबूरी में ही पुलिस विभाग के पास अपनी शिकायत को लेकर आती है तो उसकी सुनवाई होनी चाहिए इस बात को लेकर महिला आयोग ने पूरे प्रदेश में पुलिस विभाग के साथ कार्यशालाएं आयोजित की है।

उन्होनें  बताया कि जल्द ही सिरमौर में घरेलू हिंसा संबंधी मामलों में केस दायर करने व अन्य मामलों में हित धारकों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे और लोगों को जागरूक करने के लिए भी कार्यक्रम चलाए जाएंगे ताकि घरेलू हिंसा से पीड़ित हर नारी को न्याय मिल सके।

इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेंद्र नेगी ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए जिला में गत 2 माह के दौरान सामने आए घरेलू हिंसा के मामलों के बारे में अवगत कराया।

विधि अधिकारी अनुज वर्मा ने राष्ट्रीय महिला आयोग व राज्य महिला आयोग के कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। इस कार्यशाला में अधिवक्ता अमित अत्री व अधिवक्ता विवेक वर्मा ने घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के सभी मामलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और सभी प्रतिभागियों ने घरेलू हिंसा मामले के संबंधी अपने समस्याओं महिला आयोग की अध्यक्षता को अवगत कराया।

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