आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार : भाजपा
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• सादगी की बात करने वाले केजरीवाल अपने लिए करोड़ों रुपये का स्वीमिंग पुल बनवा रहे हैं
• हवाला कारोबारियों से 16.38 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा होने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से बर्खास्त नहीं किया
• मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सभ्य भाषा में बात करना सीखें केजरीवाल
शिमला, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बलदेव तोमर, प्रवक्ता विनोद ठाकुर और सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को लेकर सभ्य भाषा का प्रयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा की केजरीवाल को शायद पता नही की हिमाचल की जनता सभ्य है और शांत स्वभाव की है।
केजरीवाल को पता होना चाहिए की एक मुख्यमंत्री से बात किस भाषा में करनी चाहिए, अगर उनको नहीं पता तो उनको सीखना चाहिए।
भाजपा नेताओं ने कहा की अरविंद केजरीवाल किस दिल्ली के मॉडल की बात कर रहे है, दिल्ली की सभी व्यवस्थाएं चरमरा गई है।
भाजपा नेताओं ने केजरीवाल सरकार पर घेराबंदी करते हुए जोरदार हमला बोला है साथ ही आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि जो लोग कहते थे कि हम ईमानदार हैं, वही भ्रष्टाचार कर रहे हैं। भ्रष्टाचार को खत्म करने के उनके पुलिंदे जनता के सामने आ चुके हैं, यही इनकी असली कहानी है। दिल्ली में भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन चलाकर कार्रवाई करने का दावा करने वाले खुद भ्रष्टाचार में शामिल हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि सादगी की बात करने वाले अपने लिए करोड़ों रुपये का स्वीमिंग पुल बनवा रहे हैं। दिल्ली के तथाकथित कट्टर ईमानदार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी एवं मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन की पांच करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया गया, यह फर्जी कंपनियों के नाम पर हवाला कारोबारियों से उन्होंने खरीदी थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि हवाला कारोबारियों से 16.38 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा होने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से बर्खास्त नहीं किया। जबकि हवाला कारोबारियों ने खुद माना है कि उन्होंने सत्येंद्र जैन को 16.38 करोड़ रुपये दिए हैं। उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन ने किसी को मोहरा बनाकर काम नहीं किया बल्कि स्वयं हवाला कारोबारियों से सीधे संपर्क में रहकर अपनी शेल कंपनियों को चलाते रहे। शेल कंपनियों के पते को अनधिकृत कॉलोनियों पर दिखाए गए, जिससे उनकी काली करतूत पर किसी का ध्यान न जाए और वे करोड़ों रुपये की गाढ़ी कमाई करते रहें।