Himachal Tonite

Go Beyond News

गृह रक्षा सातवीं वाहिनी कुल्लू के कार्यकलापों पर एक नज़र

1 min read

जिला में आपदाओं से निपटने सहित अनेक अभियानों को सफल बनाने में वाहिनी का योगदान

कुल्लू, 26 अप्रैल। गृह रक्षा सातवीं वाहिनी की स्थापना कुल्लू में वर्ष 1968 में की गई थी। वाहिनी के अधीन सात कंपनियां व तीन प्लाटून कार्यरत हैं। इनमें गृह रक्षकों की अधिकृत संख्या 710 है। इसके अतिरिक्त इस वाहिनी के अधीन दो दमकल केन्द्र व पांच दमकल चौकियां कार्यरत है। जिला में जनता की मांग पर प्रदेश सरकार ने कल्लू, मनाली, केंलग, लारजी, आनी, बंजार तथा पतलीकूहल में दमकल केन्द्र व चौकियां स्थापित की हैं। सातवीं वाहिनी जिला में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, कानून व व्यवस्था तथा यातायात को सुचारू बनाने में निरंतर अपना योगदान करती है।

कमाण्डेट होम गार्ड निश्चिंत नेगी ने वाहिनी की मुख्य गतिविधियों व प्रमुख उपलब्धियों के बारे में जानकारी सांझा करते हुए कहा कि वाहिनी के चार अधिकारियों तथा अवैतनिक पदाधिकारियों को राष्ट्रपति गृह रक्षा, नागरिक सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएं पदक से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें कंपनी कमाण्डर कमल किशोर व प्रेम राज, प्लाटून कमाण्डर उर्मिला देवी व वाहिनी प्रशासनिक अधिकारी लुदर मणी को उत्कृष्ट सेवाओं के लिये पुरस्कृत किया गया है। वाहिनी क दो कम्रचारियों को हिन्दी भाषा पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। इनमें वरिष्ठ प्लाटून कमाण्डर उमेश कुमार को राज्यस्तरीय राजभाषा हिंदी पुरस्कार जबकि अजीत को जिला स्तर पर ये पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

जिला में चलाए जाने वाले अनेक प्रकार के अभियानों को सफल बनाने में वाहिनी का योगदान रहता है। स्वच्छ भारत अभियान के संचालन में वाहिनी के अधीनस्थ प्रत्येक कंपनी व दमकल केन्द्रों प्रभारियों द्वारा माह में एक बार कंपनी क्षेत्र के आस पास, सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, मंदिरों इत्यादि में सफाई अभियान आयोजित करती हैं। जिला के विभिन्न भागों में प्रशासन की मांग पर भांग उखाड़ने के कार्य में सहयोग किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित रक्त दान शिविरों में गृह रक्षक रक्तदान करवाते हैं।

वाहिनी के अधीनस्थ दमकल केन्द्रों व चौकियोें में तैनात दमकल कर्मचारियों व गृह रक्षकों तथा नजदीक की कंपनियों में तैनात अवैतनिक पदाधिकारियों व गृह रक्षकों द्वारा अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस का आयेाजन किया जाता है। इस उपलक्ष्य में सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, पंचातयों, सरकारी विभागों व झुग्गी-झोंपड़ियों में जाकर नशे के दुष्प्रभावों के बारे में आम जनता तथा बच्चों को जागरूक किया जाता है। रैलियों के माध्यम से नशे जैसी बुराई से दूर रहने का समाज को संदेश देने का महत्वपूर्ण कार्य वाहिनी करती है। विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिये वाहिनी द्वारा शिक्षण संस्थानों तथा अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है। वाहिनी के प्रशिक्षित गृह रक्षकों द्वारा स्कूली बच्चों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है। जिला के 208 राजकीय माध्यमिक स्कूलों में 4173 छात्राओं को आत्म रक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके अलावा वाहिनी समय-समय पर पौधरोपण अभियानों में भाग लेती है। शाढ़ाबाई में अनार, प्लम, देवदार तथा बान के 300 से अधिक पौधे लगाए गए।

कुल्लू जिला आगजनी की घटनाओं के लिये काफी संवेदनशील है। वर्ष 2015 में बंजार उपमण्डल के कोटला गांव में भीषण अग्निकाण्ड से पूरा गांव जल गया था। वाहिनी ने शाढ़ाबाई से 45 गृह रक्षकों द्वारा लगातार पांच दिन तक घटना स्थल पर जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की गई समाग्री को बांटने का कार्य किया तथा गांव के लोगों को टैन्ट लगाने में अपना योगदान दिया। एक लाख रुपये की राशि वाहिनी ने आपस में एकत्र करके प्रभावित परिवारों में वितरित की। इसके अलावा, वाहिनी जिला में टीकाकरण अभियान के दौरान भी अपना सहयोग करती है। वाहन दुर्घटनाओं तथा नदी नालों में व्यक्तियों के डूबने अथवा घायल व्यक्तियों को निकालने में भी अपना योगदान वाहिनी करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *