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एकीकृत बागबानी विकास मिशन के तहत 871 लाख की कार्य योजना तैयार: डीसी

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धर्मशाला, 24 जनवरी – ज़िला कांगड़ा बागवानी मिशन समिति की बैठक आज उद्यान विभाग के कार्यालय में उपायुक्त, डॉ. निपुण जिन्दल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में ज़िला कांगड़ा में वर्ष 2022-23 के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत 871 लाख रुपए की वाषिक कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया तथा सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा गया।
उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश में बागवानी के समग्र विकास के लिए वर्ष 2003-04 से केन्द्रीय प्रायोजित बागवानी मिशन चलाया जा रहा है जिसके तहत जिला में बागवानी के विभिन्न मदों पर पिछले 4 वर्षाें में लगभग 80 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस मिशन के तहत किसानों को फलों के बाग स्थापित करने, फूल, सब्जी, मसालेदार फसलें व खुम्ब की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जिला में फूल, सब्जियों व खुम्ब की संरक्षित खेती करने पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि ज़िले के बेरोजगार युवा व महिला किसानों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो व अपनी कम जमीन से अधिक से अधिक लाभ अर्जित करें और अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर सकें।
उन्होंने कहा कि खेती में श्रमिकों की कमी को देखते हुए और खेत में कार्यक्षमता व दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से बागवानी यंत्रीकरण को भी समय-समय पर बागवानी के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है ताकि उन्हें न केवल बागवानी से सम्बन्धित आधुनिक व वैज्ञानिक तकनीकों का ज्ञान हासिल हो बल्कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की जानकारी भी मिल सके। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बागबानी विभाग के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बारे में लोगों को आवश्यक जानकारी दी जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा बागबान लाभांवित हो सकें।
इस अवसर पर उप निदेशक, जिला उद्यान, डॉ. कमलशील नेगी ने बताया कि 871 लाख रुपए की इस वार्षिक कार्य योजना में मुख्यतः 187 लाख रुपए से 25-25 कनाल के 10 अग्रिम पंक्ति उद्यानों की स्थापना, 238 लाख रुपए बागवानी यंत्रीकरण, 175 लाख रुपए फूलों व सब्जियों की 22000 वर्ग मीटर क्षेत्र में संरक्षित खेती, 104 लाख रुपए खुम्ब खेती व 123 लाख रुपए एकीकृत फसलोत्तर प्रबन्धन पर खर्च करने का प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त इस योजना में 1000 किसानों व बागवानों को विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों व कार्यक्रमों में प्रशिक्षित करने का भी प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि जिला में 60 हैक्टेयर क्षेत्र बागवानी के अन्तर्गत लाया जाएगा जिसमें फलों, सब्जियों व फूलों के अंतर्गत क्रमशः 32, 15 व 13 हेक्टेयर क्षेत्र सम्मिलित है।
इस बैठक में डा. अतुल गुप्त सह निदेशक क्षेत्रेीय बागवानी अनुसंधान व विस्तार केन्द्र जाच्छ (नूरपुर), डा. शशी कान्ता विषय वाद विशेषज्ञ कृषि विभाग, राजेश गुप्ता प्रबन्धक लीड जिला बैंक कांगड़ा, डा. संजीव शमा वन मण्डलाधिकारी, डा. सरिता शर्मा विषय विशेषज्ञ उद्यान, जिला कांगड़ा के प्रगतिशील बागवान अशवनी अवस्थी, गुरदेव राणा व डा. सुनीत दत्त मौजूद रहे।

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