देश के 80 करोड़ गरीब लोगों को प्रति सदस्य 5 किलोग्राम गेहूं दिया जा रहा
1 min readकेलांग, 28 अप्रैल।
लाहौल -स्पीति के ज़िला मुख्यालय केलांग में भारतीय खाद्य निगम के तत्तवाधान में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
तकनीकी शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सरकारी राशन डिपो पर पात्र परिवारों को प्रति सदस्य 5 किलोग्राम गेहूं दिया गया है।
कोरोना के चलते केंद्र सरकार द्वारा मई 2021 से मार्च 2022 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सभी श्रेणियों के पात्र परिवारों को प्रति सदस्य 5 किलोग्राम गेहूं मुफ़्त दिया गया है।
केंद्र सरकार ने योजना के महत्व को देखते हुए देश के 80 करोड़ गरीब लोगों को प्रति सदस्य 5 किलोग्राम गेहूं दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में जब कोरोना की लहर चल रही थी। तब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 80 करोड़ जनता को भारतीय खाद्य निगम के सहयोग से जरूरतमंदों को घर-घर अनाज उपलब्ध कराने का सराहनीय कार्य किया गया । कोरोना काल में भारतीय खाद्य निगम ने बहुत ही बेहतर कार्य किया था। किसी व्यक्ति को अनाज के बिना नहीं रहने दिया गया।
इस अवसर निगम के अधिकारियों ने जनता को निगम से मिलने वाली अन्य सुविधाओं के बारे में भी बताया। डीजीएम अशोक कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के माध्यम से खाद्यान्न वितरण योजना, खाद्य प्रसंस्करण योजना व पौष्टिक भोजन वितरण जैसी कई प्रकार की योजनाओं से जनता को लाभान्वित करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की जनता को इस प्रकार की योजनाओं से काफी फायदा भी मिल रहा है।
मंडल प्रबन्धक काजल मण्डल ने खाद्यान प्रबंधन तथा सरकार के पोषण सम्बन्धी योजनाओं को जानता तक पहुंचाने में भरतीय खाद्य निगम की भूमिका के बारे अवगत कराया।
कार्यक्रम के आरंभ में डीजीएम अशोक कुमार ने डॉ मारकंडा का टोपी पहनाकर अभिनंदन किया तथा सुश्री रुचि ने स्वागत वक्तव्य दिया। मंडल प्रबन्धक काजल मण्डल ने कार्यक्रम में उपस्थिति के लिए मुख्यातिथि सहित सभी का आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर सहायक आयुक्त रोहित शर्मा, पीओआईटीपी मनोज कुमार,डीएसपी हेमन्त ठाकुर सहित अन्य जिलाधिकारी भी उपस्थित रहे।

