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हिमाचल में 75.6 प्रतिशत मतदान, बना नया रिकार्ड

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शिमला, 13 नवम्बर – हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय 14वीं विधानसभा के शनिवार को हुये चुनाव आयोग से प्राप्त अंतिम आंकड़ों के अनुसार लगभग 75.6 प्रतिशत मतदान हुआ है जिससे वर्ष 2017 का 75.5 प्रतिशत का रिकार्ड टूट गया।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) मनीष गर्ग ने आज यहां बताया कि ईवीएम के माध्यम से मतदान 74.6 प्रतिशत था। इसके अलावा एक प्रतिशत मत प्रतिशत डाक मतपत्रों से बढ़ गया जिससे कुल मतदान 75.6 प्रतिशत हो गया है। अभी दो डाक मतपत्र प्राप्त होना बाकी है। राज्य में इससे पहले वर्ष 2012 में 72.69 प्रतिशत और वर्ष 2007 में 71.61 प्रतिशत मतदान हुआ था। निर्वाचन आयोग ने राज्य में इस बार 80 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा था। सबसे अधिक मतदान दून विधानसभा में 85.25 प्रतिशत तथा सबसे कम 62.53 प्रतिशत शिमला विधानसभा क्षेत्र में दर्ज किया
गया। उन्होंने बताया कि चुनाव कार्यालय ने इस बार उन 11 विधानसभा क्षेत्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जहां वर्ष 2017 में कम मतदान हुआ था। ये विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर, जयसिंहपुर, शिमला, बैजनाथ, भोरंज, सोलन, कसुम्पटी, सरकाघाट, जसवां परागपुर, हमीरपुर और बड़सर थे तथा इस बार तुलनात्मक विश्लेषण से पता चला है कि इन विधानसभा क्षेत्रों में से नौ में मतदान प्रतिशत में सात प्रतिशत तक का सुधार हुआ है।
धर्मपुर में यह 63.6 प्रतिशत से बढ़कर 70.54 प्रतिशत, जयसिंहपुर में 63.79 से 65.31, भोरंज में 65.04 से 68.55, सोलन में 66.45 से 66.84, बड़सर में 69.06 से 71.17, हमीरपुर में 68.52 से 71.28, जसवां-परागपुर में 68.41 से 73.67, सरकाघाट में 67.23 से 68.06, कसुम्पटी में 66.86 से बढ़ कर 68.06 प्रतिशत रहा। शिमला शहरी में और बैजनाथ में मत प्रतिशत में 2017 के मुकाबले हालांकि गिरावट आई है।
सीईओ के अनुसार राज्य में पुरुष मतदाता 2788925 और महिला मतदाता 2736306 और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 38 थी। इनमें से 72.4 प्रतिशत पुरुष, 76.8 प्रतिशत महिला और 68.4 प्रतिशत थर्ड जेंडर मतदाताओं ने मतदान किया। उन्होंने कहा कि चुनाव पर्यवेक्षकों, उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों और मतदान अधिकारियों की मौजूदगी में ईवीएम को त्रि-स्तरीय सुरक्षा में स्ट्रांग रूम में रख कर सील कर दिया गया है। मतगणना आठ दिसम्बर को होगी तथा उसी दिन परिणाम घोषित होने से चुनाव में उतरे 412 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला हो जायेगा।
श्री गर्ग के अनुसार प्रवर्तन एजेंसियों, विशेषकर आयकर, राज्य आबकारी और पुलिस विभागों के साथ व्यय निगरानी टीमों द्वारा ने 14 अक्टूबर को मतदान की घोषणा के बाद से मतदान के दिन तक 60 करोड़ रुपये की बरामदगी की है। उन्हाेंने बताया कि इस अवधि के दौरान प्राप्त कुल 1779 शिकायतों में से 292 को जांच के बाद बंद कर सुधारात्मक कार्रवाई की गई। इनमें से 1013 शिकायतें सी-विजिल पर प्राप्त हुईं, जिनमें से 861 के सम्बंध में सुधारात्मक कार्रवाई की गई।

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