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अभाविप का 67वां राष्ट्रीय अधिवेशन संस्कारधानी जबलपुर में हुआ संपन्न

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31 दिसंबर, 2021

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 67वा राष्ट्रीय अधिवेशन 24-26 दिसंबर को रानी दुर्गावती नगर ऋषि जाबालि की तपोभूमि जबलपुर में संपन्न हुआ।

इस अधिवेशन में स्वाधीनता के 75 वर्ष विषय पर भाषण, प्रदर्शनी, शहीद स्मारक, शोभा यात्रा तथा खुला अधिवेशन जैसे अभूतपूर्व आयोजन किए गए। अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी जी मुख्य अतिथि के रूप में रहे तथा इस वर्ष का यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार से सृष्टि फाउंडेशन के संस्थापक कार्तिकेय गणेशयन जी को सम्मानित किया गया।

अधिवेशन के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में जनजातीय समाज के समर्पण का सम्मान “जनजातीय गौरव दिवस” प्रस्ताव के माध्यम से भारत सरकार का अभिनंदन किया गया।

इस अधिवेशन में अभाविप ने शिक्षा क्षेत्र तथा युवाओं से जुड़े विषय जैसे शिक्षा की पवित्रता की रक्षा हेतु शिक्षित समाज आगे आए, वर्तमान परिदृश्य, परिसर गतिविधियों में खेल बने प्राथमिकता इन शीर्षकों से तीन विषयों पर प्रस्ताव पारित किए।

इन प्रस्तावों में अभाविप द्वारा शिक्षा, अर्थव्यवस्था, भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विचार किया गया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कोरोनाकाल के दौरान। शिक्षण संस्थानों में आई शिथिलता के कारण ऑनलाइन माध्यम के प्रभाव से बाहर निकलने, शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अनावश्यक शुल्क लेने, शिक्षा की गुणवत्ता व नैतिक पतन पर रोक, जनसंख्या नियंत्रण आदि विषयों पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया है।

प्रथम प्रस्ताव शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य के अंतर्गत शिक्षा के नैतिक पतन को रोकने हेतु शिक्षण संस्थान खोलने, विद्यार्थियों में रुचि हेतु खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम, व्यक्तित्व विकास हेतु सेमिनार जैसे कार्यक्रम का आयोजन हो। देश के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखकर सभी शिक्षाविदों से शिक्षा में नैतिक पतन को रोकने व शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु दायित्व निर्वहन का आग्रह किया।

दूसरा प्रस्ताव “वर्तमान परिदृश्य” विषय के अंतर्गत भारत में विभिन्न सकारात्मक परिवर्तन जैसे विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारनाथ मंदिर पुनर्निर्माण, 150 करोड़ जनता का टीकाकरण, भारत में रोजगार के अवसर, महिलाओं के विवाह की आयु 21 वर्ष करना, अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण, जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों के नाम वीरगति प्राप्त सैनिकों के नाम पर रखने के निर्णय जैसी उपलब्धियों पर अभाविप ने स्वागत किया है।

पर्यावरण संरक्षण हेतु COP-26 में भारत के 2070 तक नेट जीरो कार्बन लक्ष्य की पूर्ति हेतु देश के नागरिकों एवं युवाशक्ति से आह्वान किया गया है।

तृतीय प्रस्ताव में भगवान बिरसा मुंडा जी के जन्म जयंती को जनजाति गौरव दिवस घोषित करने के भारत सरकार के निर्णय का स्वागत किया है।

चतुर्थ प्रस्ताव में परिसर गतिविधियों में खेल बने प्राथमिकता विषय के अंतर्गत अभाविप द्वारा टोक्यो ओलंपिक में 7 एवं पैरा ओलंपिक में 19 कुल 26 पदक जीतने के रचनात्मक प्रयास के प्रति हर्ष व्यक्त करते हुए सरकार से खेल बजट पढ़ाने सरकारी व निजी उद्योगों से CSR का 5% खेल को देने योग्य आत्मरक्षा गतिविधियों की अनिवार्यता खेल शोध वृत्ति को बढ़ाने खेल परिषद के गठन को स्थानीय खेलों के संवर्धन की मांग की है।

अधिवेशन के समापन सत्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा छगनभाई पटेल जी द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की गई। इन घोषणाओं के क्रम में हिमाचल प्रदेश से प्रोफेसर प्रदीप कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रोफेसर नागेश ठाकुर को केंद्रीय कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य, कोमल वेक्टा को केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य, डॉ आलोक पांडे को शोध कार्य प्रमुख, गौरव अत्री प्रांत संगठन मंत्री हिमाचल प्रदेश, तथा शिल्पा कुमारी, विक्रांत चौहान, प्रशांत कश्यप व वैशाली गुलेरिया को राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दायित्व सौंपे गए।

प्रदेश मंत्री विशाल ने कहा की “संस्कारधानी जबलपुर में पारित किए गए प्रस्ताव भारत के युवाओं की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है जिसके माध्यम से विविध क्षेत्रों में सुधार की व्यापक संभावनाओं पर कार्य करते हुए देश को बेहतर दिशा देने का संकल्प स्पष्ट होता है। इसी कड़ी में स्वाधीनता के 75 वर्ष के पावन अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आने वाली 26 जनवरी को हिमाचल प्रदेश के विभिन्न नगरों में विशाल तिरंगा रैलियों का आयोजन भी करेगी तथा स्वाधीनता संग्राम में संघर्ष करने वाले व वीरगति प्राप्त हुए सभी महान पुरुषों को नमन करेंगे।”

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