6 वर्ष के बच्चे को दिवाली की रात को घर के बाहर से उठाने की दुखद घटना पर गंभीर चिंता
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) शिमला शहर के डाउनडेल क्षेत्र में 6 वर्ष के बच्चे को दिवाली की रात को घर के बाहर से उठाने की दुखद घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है तथा प्रदेश सरकार से मांग करती है कि सरकार इस दुखद घटना की जांच गहनता से करे और इस लापता बच्चे को ढूंढ़ने के लिए गम्भीरता से प्रयास करें। इस दुःख की घड़ी में पार्टी प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और सरकार से प्रभावित परिवार को फौरी राहत देने की मांग करती है।
दिवाली की रात को शिमला शहर के बीचोबीच घटित यह आश्चर्यचकित करने वाली घटना से पूरा शहर स्तब्ध है। जिस प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं कि यह बच्चा बाघ या अन्य किसी जानवर के द्वारा उठाया गया है, जब तक इस बच्चे को ढूंढ़ नहीं निकाला जाता तब तक तथ्यों की पुष्टि की जानी सम्भव नही है। इसलिए इसकी जांच गहनता से करने की आवश्यकता है और हकीकत जनता के सामने आनी चाहिए।
सीपीएम की टीम इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची थी और बच्चे के परिजनों, प्रशासन व वन विभाग के अधिकारियों से भी मुलाकात की। इस दौरान मालूम हुआ कि पुलिस व वन विभाग की टीम घटना की रात से ही बच्चे को ढूंढने के लिए कार्य कर रही है परन्तु अभी तक इसको ढूंढने में कोई सफलता नहीं मिल पाई है। यह अभी भी रहस्य बना हुआ है कि बच्चे को बाघ या कोई अन्य जानवर उठा ले गया है। क्षेत्र के अधिकांश लोगों को शक है कि इस बच्चे को बाघ उठा कर ले गया है क्योंकि इस क्षेत्र में पहले भी बाघ के देखे जाने की घटना की सूचना वन विभाग को दी गई थी और वन विभाग ने इसके साथ लगते क्षेत्र में पिंजरा भी लगाया था। इस घटना से 3 माह पूर्व कनलोग क्षेत्र से भी एक बच्ची को बाघ उठाकर ले गया और उसे मारने की दुखद घटना सामने आई थी। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वन विभाग गहनता से इस घटना की जांच करे, यदि इस घटना को भी इसी नरभक्षी बाघ ने अंजाम दिया है तो वन विभाग इस नरभक्षी बाघ को मारने के लिए तुरंत कदम उठाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुखद घटना घटित न हो।
पिछले कुछ समय से शिमला शहर व इसके साथ लगते क्षेत्रों में बाघों को आमतौर पर देखा गया है जिससे शहरवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है। डाउनडेल में बच्चे को उठाने की इस घटना ने जनता के जहन में और अधिक खौफ पैदा कर दिया है। इस परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार व वन विभाग को बाघों व अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक तौर तरीके अपनाकर उनके व जनता के बीच कैसे समन्वय बैठाया जाए इसके लिए योजनबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनानी होगी ताकि जनता में इनका खौफ भी न रहे और इनका संरक्षण भी हो सके। सीपीएम इसके लिए वन विभाग का हरसंभव सहयोग करेगी।