हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर व्यय किए जा रहे 6 करोड़ रुपए – सरवीण चौधरी
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धर्मशाला, 25 फरवरी– प्रदेश में हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम द्वारा 110 प्रशिक्षण केन्द्रों पर लगभग 2000 हजार कारीगरों को विभिन्न तरह के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं और इस पर लगभग 6 करोड़ रुपये व्यय किये जा रहे हैं । यह जानकारी कार्यक्रम की मुख्यातिथि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने आज शाहपुर के 39 मील सामुदायिक भवन में हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम शिमला के तत्त्वावधान में एकीकृत डिजाइन और तकनीक विकास परियोजना के अंतर्गत प्रशिक्षण केन्द्र, रैत द्वारा आयोजित प्रशिक्षण के समापन अवसर पर दी ।
उन्होंने कहा कि निगम द्वारा दिए जा रहे इन प्रशिक्षणों का मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देते हुए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नारे वोकल फॉर लोकल को फलीभूत करना है । सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि यहाँ से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षणार्थी स्वरोजगार को अपनाते हुए अपने परिवार की आजीविका भी चला सकते हैं । उन्होंने कहा कि हम सब पारम्परिक शिल्प और कलाओं को भूलते जा रहे हैं जबकि इनको सहेजना हम सब की जिम्मेदारी है ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इनसे रू-ब-रू हो सकें ।
उन्होंने उपस्थित महिलाओं से आह्वान किया कि हम सब गांव-गांव में चीड़ की पत्तियों से बने विभिन्न उत्पाद तैयार करें और स्वागत कार्यक्रम के दौरान इनका आदान-प्रदान करें। उन्होंने डिजाइनर को विभिन्न उत्पाद बनाने बारे अपने सुझाव भी दिए।
सामाजिक न्याय मंत्री ने इस अवसर पर 40 प्रशिक्षणार्थियों को 14 लाख 85 हजार का चेक दिया। गौरतलब है कि प्रत्येक प्रशिक्षु को 22 हजार 500 रुपये की धनराशि मानदेय के रूप में दी जाती है।
इस प्रशिक्षण में 40 महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस अवसर पर भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की डिजाइनर मानसी श्रीवास्तव जिन्होंने उत्पादों को डिजाइन किया है को भी सम्मानित किया गया ।