काम ना होने से ब्यास की धारा से हट गईं 300 राफ्ट
1 min readशिमला, मई 1 (Himachal Tonite Bureau)
कोरोना की दूसरी लहर से जिला कुल्लू में पर्यटन कारोबार को बड़ाा नुक्सननुु झेलना पड़ रहा हैै जिसके चलते अब जिले में ब्यास की धारा पर होने वाली रिवर राफ्टिंग भी बंद होने लगी है।
लोगों के ना आने से करीबन 300 राफ्ट को हटाना पड़ा जिसके चलते पांच हजार कारोबारियों जिनमें राफ्ट संचालकों, गाइड, टैक्सी संचालकों, जीप संचालकों, चाय व रेहड़ी-फड़ी भी शामिल है का कामकाज प्रभावित हो गया है और उन्हें अपनी रोज़ी रोटी से हाथ धोना पड़ रहा है।
ब्यास नदी पर रिवर राफ्टिंग पूरे देश में मशहूर है। सालाना लाखों पर्यटक अठखेलियां कर राफ्टिंग का आनंद लेते हैं। जिले में बरसात के दो माह को छोड़कर दस माह तक राफ्टिंग की जाती है। कई सैलानी राफ्टिंग का मजा उठाने के लिए सैर-सपाटे को आते हैं, मगर 2020 के साथ 2021 का पर्यटन कारोबार के साथ साहसिक पर्यटन भी ठप हो गया है।
रिवर राफ्टिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम अत्री ने अनुसार दो सालों से रिवर राफ्टिंग का कारोबार बुरी तरह ठप पड़ गया है। एसोसिएशन ने सरकार से सालाना रिवर राफ्टिंग फीस को माफ करने की मांग की है। कई बार स्थानीय मंत्री के माध्यम से सरकार से गुहार लगाई कि कोरोना काल में 2500 रुपये प्रति राफ्ट फीस न ली जाए, लेकिन सरकार ने उनकी इस मांग को नहीं माना। उन्होंने कहा कि कोरोना से 20 अप्रैल के बाद पूरा कारोबार प्रभावित हो गया और ब्यास नदी से करीब 300 राफ्टों को काम न होने से बंद कर दिया है।