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प्राकृतिक खेती के लिए 25 साल का रोडमैप तैयार बोले कृषि मंत्री

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प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए 25 साल का रोडमैप तैयार किया गया है। यह जानकारी कृषि मंत्री वीरेंद्र्र कंवर ने दी। प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय कृषि अधिकारी कार्यशाला व किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कृषि मंत्री ने कृषि वैज्ञानिकों को पूर्ण आर्थिकी के साथ एकीकृत कृषि मॉडल विकसित करने के लिए कहा ताकि किसान अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इस तरह के मॉडलों को अपना सकें। उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत बीज बाहर से खरीदा जाता है, इसलिए राज्य के भीतर प्रगतिशील किसानों की भागीदारी के साथ प्रमुख फसलों के बीज पैदा करने की भी आवश्यकता है।

‘मुख्यमंत्री बीज संरक्षण योजना’ के तहत पारंपरिक फसलों के बीजों के संरक्षण के प्रयास चल रहे हैं क्योंकि प्रदेश में कीटनाशक अवशेष सबसे अधिक हैं, इसलिए उन्होंने कृषि अधिकारियों को किसानों को रसायनों और उर्वरकों के उचित उपयोग के बारे में शिक्षित करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि कृषि रसायन केवल पंजीकृत दुकानों पर ही उपलब्ध हों और किसानों के खेतों में रसायनों के अत्यधिक उपयोग को रोकने के लिए उन्हें सही रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। कुलपति प्रो. हरींद्र कुमार चौधरी ने विश्वविद्यालय की प्रमुख अनुसंधान और प्रसार उपलब्धियों का विवरण दिया, जिससे हाल ही में कई किसान राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं। प्रो. चौधरी ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों ने गेहूे तथा माश (उड़द) के बीज पैदा करने का काम शुरू कर दिया है। प्रसार शिक्षा निदेशक डा. सतीश पाल ने विश्वविद्यालय की प्रमुख प्रसार गतिविधियों जैसे कि सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा प्रायोजित किसानों को 79 लाख रुपए की राशि से व्यावसायिक प्रशिक्षण, किसान प्रथम कार्यक्रम के तहत सात गांवों को गोद लेने आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कृषि मंत्री ने विश्वविद्यालय संग्रहालय में कृषि दीर्घा-2 का उद्घाटन किया और 19 कृषि दूतों और पांच राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को भी सम्मानित किया, जिनमें लाल चावल किस्म संरक्षण के पुरस्कार विजेता भी शामिल थे। इनमें विचित्र सिंह, सुनील कुमार, मंगल सिंह, अमीश, गोविंद सिंह, अवनीत कुमार, नंदू राम, निशांत गाज्टा, प्रदीप नेगी सुदर्शना देवी, मधु कुमारी, अनिता नेगी, विविध शर्मा, विशाल पाठक, तरण सिंह, भवानी दत्त, प्रमोद सिंह, निम्मो देवी, कुंदन लाल, माया देवी, वर्षा शर्मा, देना मेहता, लीलावती, सुनिता देवी शामिल थे। इस अवसर पर मंत्री ने कुछ फार्म प्रकाशन व वर्ष भर के कृषि कैलेंडरों पर एक सीडी भी जारी की।

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