Himachal Tonite

Go Beyond News

Jaypee University of Information Technology

वन संरक्षण की विभिन्न सरकारी योजनाओं को प्राथमिकता के तहत पहनाया जा रहा अमलीजामा

लोगों की मांग के अनुसार विभिन्न विकास कार्यों को नियमों के अनुसार दी जा रही वन स्वीकृत

आनी, 3 अगस्त – वन विभाग आनी स्थित लूहरी वन संरक्षण के साथ सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है। लोगों के विकास कार्य प्रभावित न हो और वन को नुक्सान न पहुंचे इसको सुनिश्चित किया जा रहा है। बीते साढ़े तीन सालों में विभाग की तरफ से जहां वन संवर्धन की विभिन्न सरकारी योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है वहीं आनी विधानसभा क्षेत्र के लोगों की विकास की जरूरतों को भी ध्यान में रखा जा रहा है। इसको लेकर विभाग सामंजस्य के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।

वन अधिकार नियम, 2006 के तहत आनी वन मण्डल के अंतर्गत साढे तीन वर्षों में 39 मामलें स्वीकृत किए गए हैं इसके अतिरिक्त 4 मामलों में सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई है जबकि 2 मामलें वन मण्डलाधिकारी के कार्यालय में मंजूरी हेतु लंबित हैं।

वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत आनी वन मण्डल के अंतर्गत साढे तीन वर्षों मे 10 कार्यों को अंतिम स्वीकृति तथा 2 मामलो में सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हुई है जबकि 2 मामले क्षेत्रीय कार्यालय, 1

मामला राज्य सरकार, 3 मामलें नोडल अधिकारी, 1 मामला मुख्य अरण्यपाल, 2 मामलें वन मण्डलाधिकारी तथा 4 मामलें प्रयोक्ता एजेंसी के पास लंबित हैं।

पौधारोपण कार्यक्रम को विभाग निष्ठा के साथ पूरा कर रहा है। आनी वन मण्डल के अंतर्गत साढे तीन वर्षों मे 645.29 हैक्टेयर वन भूमि में विभिन्न योजनाओं के तहत पौधरोपण किया गया है जिसके तहत 513719 पौधे रोपित किए गए। एक बूटा बेटी के नाम योजना के तहत विगत 2 वर्षों में आनी विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग द्वारा 264 नवजात बालिकाओं को 5-5 पोधे वितरण किए गए। जन साधारण के सहयोग से 9 हेक्टेयर क्षेत्र में देवदार प्रजाति के 7200 पौधे रोपित किए गए।

इसके साथ ही सरकार द्वारा वन विभाग के तहत लोगों के लिए चलाई जा रही विकासात्मक योजनाओं पर विभाग ने दो कदम आगे बढ़कर कार्य किया है। विद्यार्थी वन मित्र योजना के तहत 2018-19 में तीन स्कूलों की मदद से 4,000 पौधे रोपित किए गए। इसके तहत वर्ष 2019-20 से 7 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधा रोपण कार्य किया जा रहा है।

वन समृधि जन समृधि योजना 2019-20 से आनी वन मण्डल में कार्यान्वित की जा रही है। योजना के तहत सराहन में 4 सामुदायिक समूह का गठन किया गया है। इसके तहत वन औषधियां पोधों का उत्पादन एवं विपणव कर समुदाय की आय में वृद्धि करने का प्रयास किया जाएगा।

वहीं सामुदायिक वन सम्वर्धन योजना के अंतर्गत दलाश के गंछ्वा गावं में वन विकास समिति गठन किया गया है एवं योजना के कार्यान्वयन हेतु 36 लाख 87 हजार रुपए की कार्य योजना तैयार की गई है। विगत 2 वर्षों में योजना के अंतर्गत वन विकास समिति गंच्छवा के सहयोग से 14 लाख रूपये की लागत से 19 हेक्टेयर वन क्षेत्र में पौध रोपण एवं पर्यावरण तथा जल सरंक्षण के कार्य किए गए है।

वन्य जीवों द्वारा आम लोगों के नुक्सान पहुंचाने पर क्षतिपूर्ति के तौर पर विभाग संजीदा होकर कार्य कर रहा है। इसके तहत विगत तीन वर्षों में 58 व्यक्तियों को 14 लाख 75 हजार 616 रुपए मुआवजा के रूप में प्रदान किया गया है। विगत तीन वर्षों में आनी विधानसभा क्षेत्र में 714 पेड़ टी. डी. के रूप में प्रदान किए गए। शिकायत निवारण में भी वन विभाग प्रमुखता से लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए संवेदनशील है। मुख्यमंत्री सेवा सकल्प योजना के तहत विगत वर्षों में वन मण्डल आनी से सम्बन्धित 30 शिकायतों का सामाधान व निवारण किया गया

बीते साढ़े तीन सालों में वन विश्राम गृह के निर्माण पर 69.93 लाख, निरीक्षण कुटीर पर 39.70 लाख, अन्य सरकारी आवास पर 80.64 लाख रुपए का व्यय किया गया है। आनी वन मण्डल के अंतर्गत साढे तीन वर्षों मे सडक एवं रास्तों को निर्माण पर 59.50 लाख की राशि खर्च की गई। भू-संरक्षण के अंतर्गत 85 नालों में भू-संरक्षण कार्य किया जिसमें 1.78 करोड़ रुपए खर्च किए गए तथा इसमें लगभग 950 चेकवॉल/रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया गया।

डीएफओ लूहरी केबी नेगी का कहना है कि सरकार की योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए विभाग कृतसंकल्प है। सरकार के दिशा निर्देशानुसार विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों को स्वीकृति देने के लिए भी वन विभाग प्रतिबद्ध है। आगामी समय में विभाग आम लोगों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

 

 

हिंदी लेखन प्रतियोगिता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *