बाल रंगमंच महोत्सव 2025 की रंगीन शुरुआत: ड्रेस रिहर्सल्स में दिखी बाल प्रतिभाओं की चमक
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बाल रंगमंच महोत्सव 2025 की रचनात्मक यात्रा की भव्य शुरुआत आज से हो गई, जब प्रतिभागी स्कूलों की प्रस्तुतियों की पहली ड्रेस रिहर्सल आयोजित की गई। यह तीन दिवसीय महोत्सव, जो 3 से 5 अक्टूबर 2025 के बीच आयोजित किया जाएगा, न केवल छात्रों को मंच पर प्रदर्शन का अवसर देगा, बल्कि उन्हें अपनी कहानियों और भावनाओं को रंगमंच के माध्यम से सजीव करने का भी मंच प्रदान करेगा।
आज के दिन कुल 6 विद्यालयों की प्रस्तुतियों की रिहर्सल्स हुईं, जिनमें विद्यार्थियों ने अपने अभिनय, संवाद अदायगी और प्रस्तुति कौशल से सभी को प्रभावित किया। इन प्रस्तुतियों को दिशा देने और निखारने का कार्य अनुभवी रंगमंच कलाकारों द्वारा किया गया। आज की रिहर्सल्स की कमान संभाली प्रसिद्ध रंगमंच कलाकारों — जवाहर कॉल, भूपिंदर शर्मा और विवेक मोहन — ने। इनके साथ सहायक रचनात्मक निदेशकों की टीम में श्रुति रोहटा, रुपेश भीमटा, नीरज पराशर, संजीव अरोरा, हेमंत अत्री और नरेश के. मींचा शामिल रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को अभिनय, प्रस्तुति शैली, मंच संयोजन और भाव-प्रदर्शन के विविध पहलुओं पर व्यावहारिक सुझाव दिए।
आज रिहर्सल करने वाली प्रस्तुतियाँ थीं — अनार का पेड़ (ऑकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज़, लक्कड़ बाज़ार), इम्पर्सनैटर (दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, कंडाघाट), कोरा कागज़ (रूट्स कंट्री स्कूल, बागी), ज़मीर (भारती पब्लिक स्कूल, चैल), अकेला (ऑकलैंड हाउस स्कूल, लक्कड़ बाजार), और दादी (मोनाल पब्लिक स्कूल, निश्प्रिया कॉटेज, संजौली)।
हर प्रस्तुति में बच्चों की कल्पनाशीलता, सामाजिक सोच और मंचीय समझ देखने को मिली, जो आने वाले दिनों में इस महोत्सव को और भी समृद्ध बनाएगी। महोत्सव की यह रचनात्मक यात्रा अब गति पकड़ चुकी है और अगले दो दिनों में बाकी प्रस्तुतियाँ भी रंगमंच पर अपना प्रभाव छोड़ने के लिए तैयार हैं।