भावनात्मक और वित्तीय उत्पीड़न भी अपराध की श्रेणी में- जिला एवं सत्र न्यायाधीश
1 min readचंबा, 26 मार्च- जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश तोमर ने कहा कि भावनात्मक और वित्तीय उत्पीड़न भी अपराध की श्रेणी में आता है। घरेलू हिंसा में शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के अलावा यदि महिला के साथ भावनात्मक और वित्तीय आधार पर भी उत्पीड़न किया जाता है तो उसके खिलाफ भी कानूनी प्रावधान मौजूद है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं ने यह बात आज प्राधिकरण द्वारा बचत भवन में महिला सशक्तिकरण को लेकर आयोजित एक दिवसीय जागरूकता एवं जानकारी शिविर के शुभारंभ अवसर पर अपने संबोधन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि परिवार समाज और राष्ट्र एक- दूसरे के साथ कड़ियों में गुंथे हुए हैं। यदि परिवार हर पहलू के साथ खुशहाल होगा तो हमारा समाज और राष्ट्र भी समृद्ध और सुदृढ़ हो सकेगा।
राजेश तोमर ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कोरोना महामारी के दौरान जिला प्रशासन के समन्वय से किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि प्राधिकरण ना केवल लोगों को उनके कानूनी अधिकारों और प्रावधानों की जानकारी देता है बल्कि उनकी निशुल्क कानूनी मदद भी की जाती है।