महिलाओं को हर चुनौतियों का मुकाबला करने का साहस है-तोरूल रवीश
1 min readबिलासपुर 8 मार्च – यदि महिला सशक्त है तो समाज सशक्त है। यह बात अन्र्तराष्ट्रीय महिला दिवस के जिला स्तरीय समारोह में एडीसी तोरूल रवीश ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने महिलाओं को महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज महिलाओं का जीवन चुनौतियों से भरा पड़ा है लेकिन उसमें चुनौतियों से मुकाबला करने का साहस है। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियां होने के वाबजूद भी महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई है।
उन्होंने सभी लोगों से आहवान करते हुए कहा कि महिलाओं को मान दें सम्मान दें और इसकी शुरूआत अपने घर से ही करें। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को आदर भाव और सम्मान दिया जाएगा तो समाज हमेशा ही उन्नति की ओर अग्रसर होगा। उन्होंने कहा कि परिवार में भी शुरू से ही अपने बच्चों को महिलाओं के प्रति आदर सत्कार की भावना का सृजन करें। उन्होंने कहा कि जिला की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, राजनीति का क्षेत्र हो या खेल का क्षेत्र हो। यहां की महिलाओं ने हर क्षेत्र में अन्र्तराष्ट्रीय स्तर तक अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करके देश, प्रदेश तथा जिला का नाम रोशन किया है।
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां महिलाओं ने कार्य नहीं किया है। महिलाओं ने प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करके अपने कर्तव्य का पालन करके जिम्मेवारी को निभाया है और अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने परिवार व जिम्मेवारियां बहुत अच्छे ढंग से निभा रही हैं, लेकिन जिम्मेवारियों के साथ-साथ वह अपने लिए भी सोचें। महिलाएं समाज में दिन प्रतिदिन बढ़ रही सामाजिक बुराईयों को खत्म करने के लिए आगे आएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से आहवान करते हुए कहा कि अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक हों तथा अपने क्षेत्र की प्रत्येक महिलाओं और बेटियों को सशक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने जिला में लिंगानुपात में हुए बेहतरीन सुधार के लिए समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में लिंगानुपात बढ़कर 1012 हो गया है, जोकि पूरे जिला के लिए एक गर्व की बात है।
उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनेकों कानून बनाए गए हैं सभी महिलाओं को इनके प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी प्रकार का अत्याचार सहन न करें, पुलिस से शिकायत करें उनकी हर समस्या को सुना जाएगा और पुलिस विभाग द्वारा उन्हे हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अश्वनी कुमार ने मुख्यातिथि तथा अन्य अतिथितियों का स्वागत करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि 1111 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से विशेष पोषाहार कार्यक्रम के तहत 6 माह से 6 वर्ष तक के 20 हजार 238 बच्चों, शाला पूर्व शिक्षा के तहत 4 हजार 755, प्रधानमंत्री मातृ बंदना योजना के तहत 5 हजार 472, बाल बालिका सुरक्षा योजना के तहत पात्र परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमेश सांख्यान, सीमा सांख्यान ने भी महिला अधिकारों व बच्चों के संरक्षण के बारे में अपने विचार रखें।
इस मौके पर आंगनबाड़ी वृत स्वारघाट की कार्यकर्ताओं ने ‘बेटी है अनमोल’ योजना पर नुक्कड नाटक, घुमारवीं वृत द्वारा समूह गान, बैरी वृत द्वारा स्थानीय लोक नृत्य प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर जिला स्तर पर बेहतरीन कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं, खेल प्रतिभाओं, शैक्षणिक क्षेत्र में काम करने पर महिलाओं को सम्मानित किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शीतल शर्मा, उर्मिला, सोमा देवी व आंगनबाड़ी सहायिका संतोष कुमारी, शीला देवी को स्मृति चिन्ह् भेंट कर सम्मानित किया। शैक्षणिक क्षेत्र में ‘बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं’ अभियान के तहत बाहरवीं की छात्रा कुमारी नीतिका, पारूल भारद्वाज, कंचन, प्रियंका व शिल्पा तथा दसवीं कक्षा की अंकिता शर्मा, कंचन शर्मा को प्रशस्ति पत्र व नकद राशि 5 हजार रुपये देकर सम्मानित किया। साहित्य क्षेत्र में प्रोमिला भारद्वाज, सामाजिक कार्यों में शीला सिंह व रेखा विष्ट को भी स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया।