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स्नो फेस्टिवल माध्यम से समृद्ध ट्राइबल संस्कृति को एक मंच पर लाने का उद्देश्य

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लाहौल, 06 फरवरी – जाहलमा में आज, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज़ सभी महिला व युवक मण्डलों द्वारा निकाली गई झांकी यात्रा के साथ किया गया। आकर्षक ‘स्नो- क्राफ्ट’ की कलाकृतियों का अवलोकन करने के पश्चात, डॉ मार्कण्डेय की अगुवाई में यह झांकी स्कूल परिसर जहलमा तक निकली। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।

मंत्री रामलाल मारकंडा ने इस अवसर पर कहा कि अटल टनल के खुल जाने से लाहौल घाटी के लोगो को बर्फ़ की कैद से छुटकारा मिलने के उपलक्ष्य पर स्नो फेस्टिवल का आगाज हुआ है ।

ये फेस्टिवल हर साल मनाया जायेगा । अगले वर्ष हर गाँव मे यह स्नो फ़ेस्टिवल मनाया जाएगा। लाहौल की संस्कृति, खान -पान सब कुछ अपने आप मे बहुत ही विशिष्ट है।

उन्होने कहा कि इस फ़ेस्टिवल के माध्यम से समृद्ध ट्राइबल संस्कृति को एक मंच पर लाने व यहां के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जा रहा है , और हर वर्ष मनाया जाएगा ।उन्होनें बताया कि सुविधाओं के अभाव में इस बार सर्दियों में पर्यटक नही पहुँच पाए।

आने वाले समय मे संरचनात्मक ढांचे को विकसित किया जायेगा ताकि पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। भविष्य में ज़िप लाइनिंग, चादर-स्केटिंग आदि नए परियोजनाओं को भी पर्यटन के साथ जोड़ा जाएगा। पूरे लाहौल को टेलीकॉम नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। अगली सर्दियों तक लाहौल मे 24 घंटे, प्रतिदिन नल में पानी की सुविधा दी जाएगी।

कार्यक्रम में महिला मण्डल गोहरमा, जुंढा, जाहलमा, नाल्डा, घरबोग, फुड़ा, आदि की टीमों ने अपने -अपने लोक नृत्य प्रस्तुत कर पूरे वातावरण को संगीतमय बना दिया।

अवसर पर डॉ मारकंडा ने पारंपरिक व्यंजनों , लाहौली हस्तशिल्प से बनी चीजों, तथा पुरानी धरोहर को दर्शाती दुर्लभ वस्तुओँ के स्टालों का भी अवलोकन किया।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को पारम्परिक व्यंजन चिलड़ा, मन्ना, मोमो आदि भी परोसे गए।

मुख्यातिथि ने कोविड योद्धायों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर टीएसी सदस्या पुष्पा, डीएसपी हेमन्त ठाकुर, निदेशक उच्च शिक्षा सुरजीत राव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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