प्रधानमंत्री’बेटी बचाओ’ का नारा देते रहे, लेकिन रेवन्ना के यौन शोषण मामले में चुप्पी नहीं तोड़ी – कांग्रेस
पिछले दस साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटियों को न्याय दिलाने में फेल साबित हुए
नई दिल्ली, 01 जून
कर्नाटक के हासन से सांसद और एनडीए उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के यौन शोषण मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘बेटी बचाओ’ का नारा देते रहे, लेकिन मास रेपिस्ट प्रज्वल रेवन्ना पर आज तक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।
महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने रेवन्ना की गिरफ्तारी पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को बधाई दी और कहा कि कर्नाटक के हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना को कर्नाटक सरकार द्वारा गठित एसआईटी द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। यह काम एसआईटी द्वारा गठित महिला पुलिस टीम ने किया है।
लांबा ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि देश छोड़कर भाग चुके प्रज्वल रेवन्ना को वापस लाया जाए। लेकिन मोदी ने मुख्यमंत्री के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। ये दिखाता है कि प्रज्वल रेवन्ना के मामले को लेकर मोदी कितने गंभीर थे।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी ने पत्र लिखकर पीड़िताओं को न्याय का आश्वासन दिया था। उन्होंने नरेंद्र मोदी से सवाल भी पूछा था कि वे मास रेपिस्ट को क्यों बचा रहे हैं। प्रियंका गांधी ने भी प्रज्वल रेवन्ना के मामले में नरेंद्र मोदी की खामोशी पर सवाल उठाए थे।
लांबा ने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना के मामले पर सैकड़ों लोगों ने आवाज उठाई। कर्नाटक भाजपा के एक नेता ने प्रज्वल रेवन्ना के हजारों वीडियो के बारे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को जानकारी दी थी। इसके बावजूद भी नरेंद्र मोदी ने मंच पर खड़े होकर प्रज्वल रेवन्ना के लिए वोट मांगे। प्रधानमंत्री को जवाब देना होगा कि सब कुछ जानकर भी सिर्फ वोटों के लिए उन्होंने सैकड़ों बेटियों का शोषण करने वाले हैवान का प्रचार क्यों किया। प्रधानमंत्री की आखिर ऐसी भी क्या मजबूरी थी।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश में एक नाबालिग दलित बेटी के साथ रेप हुआ, जिसने भाजपा नेताओं का नाम लिया। इस केस में पहले पीड़िता के भाई, फिर चाचा की हत्या कर दी गई। आखिर में पीड़िता की भी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। राजस्थान में बीते पांच महीने में 12 हजार महिलाओं के साथ दुष्कर्म और प्रताड़ना के मामले सामने आए हैं। 1644 नाबालिग बच्चियों के साथ दरिंदगी हुई। मध्य प्रदेश के सीधी में 25 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं, छात्राओं के साथ दुष्कर्म हुआ है। दुर्भाग्य है कि पिछले दस साल में नरेंद्र मोदी बेटियों को न्याय दिलाने में फेल साबित हुए हैं।